स्तन कैंसर या ब्रैस्ट कैंसर को कैंसर को सबसे सामान्य प्रकार माना जाता है। यह समस्या स्तन के ऊतकों में होती है। आमतौर पर यह कैंसर स्तन की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने और अनियंत्रित होने पर बनता है। समय के साथ यह अनियंत्रित कोशिकाएं एक ट्यूमर यानी गांठ बना सकती हैं, जो धीरे-धीरे आसपास के ऊतकों में फैल सकती हैं और शरीर के दूसरे हिस्सों में भी इंफेक्शन कर सकती हैं। स्तन कैंसर के लिए घरेलू उपाय के कुछ विकल्प हैं, जो आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं। लेकिन सबसे पहले आपके लिए स्तन कैंसर के लक्षण, कारण और इसके प्रकार की जानकारी होना ज़रूरी है।
स्तन कैंसर के लक्षण हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य लक्षणों को मदद से इसके निदान और इलाज में मदद मिल सकती है। स्तन कैंसर के कुछ आम लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
स्तन कैंसर के कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन कई जोखिम कारक शामिल हो सकते हैं। ऐसे ही कुछ कारण और जोखिम कारक नीचे दिए गए हैं, जो स्तन कैंसर के विकास को प्रभावित कर सकते हैं:
स्तन कैंसर को मुख्य रूप से दो प्रकारों में बांटा गया है, जैसे:
कैंसर का जोखिम विभिन्न कारकों और जीवनशैली की आदतों पर निर्भर करता है। जीवनशैली में स्वस्थ बदलाव कैंसर के विकास की संभावना को कम करने का आदर्श तरीका है और यह जीवनकाल भी बढ़ाता है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है।
हल्दी- हल्दी में कर्क्यूमिन होता है, जो एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। हल्दी को दूध में मिलाकर पीने से शरीर में सूजन कम होती है और कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद मिलती है।
आंवला- आंवला में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। इसका सेवन करने से शरीर डिटॉक्स होता है और आपकी इन्यूनिटी भी बूस्ट होती है।
अलसी- अलसी के बीज में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स और फाइटोएस्ट्रोजेन होते हैं। इससे हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।
ग्रीन टी- ग्रीन टी में कैटेचिन्स होते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में फायदेमंद हो सकते हैं।
तुलसी- तुलसी के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर को डिटॉक्स करते हैं। तुलसी के पत्तों को चबाने या तुलसी के अर्क का सेवन करने से कैंसर कोशिकाओं का विकास धीमा हो सकता है।
अश्वगंधा- अश्वगंधा एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाती है और तनाव को कम करती है। इसके अलावा अश्वगंधा को कैंसर के उपचार और कैंसर से जुड़ी मानसिक स्थिति को सुधारने में भी बहुत फायदेमंद माना जाता है।
नारियल तेल- नारियल तेल एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। नारियल तेल के सेवन या त्वचा पर इसकी मालिश से आप शरीर को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रख सकते हैं।
विटामिन D- विटामिन D का सेवन शरीर में कैंसर कोशिकाओं को कम कर सकता है। सूरज की रोशनी विटामिन D का प्राकृतिक और सबसे अच्छा स्रोत है। ऐसे में सुबह की हल्की धूप में 10-15 मिनट बैठना आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।
संतुलित आहार का सेवन- संतुलित आहार जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन करने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है। साथ इससे कैंसर के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।
योग और नियमित व्यायाम- अगर आप नियमित रूप से योग और व्यायाम करते हैं, तो इससे स्तन कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
अगर आपको या आपके किसी परिजन को कैंसर की बीमारी है, तो बताए गए कैंसर के लिए घरेलू उपचार आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। लेकिन आप केवल इन उपायों पर ही निर्भर न रहें और कोई भी उपचार विकल्प चुनने से पहले अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें। कैंसर या स्वास्थ्य से जुड़ी किसी अन्य समस्या के लिए आप कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल में सम्पर्क कर सकते हैं। यहां आप भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक चिकित्सकों से इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे ही अन्य ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक अस्पताल कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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