खराब खान-पान, बदलते लाइफस्टाइल की वजह से लोग तरह-तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार हो रहे हैं। इन्हीं में से एक बीमारी स्तंभन दोष भी है। पहले बता देते हैं कि आखिर स्तंभन दोष होता क्या है?
बता दें कि स्तंभन दोष को इरेक्टाइल डिसफंक्शन भी कहते हैं। इस स्थिति में पुरुषों को शारीरिक संबंध बनाते समय इरेक्शन प्राप्त करने या उसे बनाए रखने में बहुत दिक्कत होती है। यह दुनियाभर के पुरुषों में होने वाली सबसे आम यौन समस्या है, लेकिन आपको बता दें कि स्तंभन की आयुर्वेदिक दवा से इसका उपचार किया जा सकता है।
वैसे तो ये समस्या 40 साल की उम्र के बाद के पुरुषों में होती है, लेकिन गलत जीवनशैली के चलते कम उम्र के लोग भी इस समस्या के शिकार हो रहे हैं। अगर इस समस्या का वक्त रहते इलाज न किया जाए, तो आपको कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी जूझना पड़ सकता है, लेकिन आज जो हम इस लेख में बताने जा रहे हैं, वो स्तंभन दोष के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा मानी जाती है।
तुलसी के बीज को सब्जा सीड्स भी कहते हैं। आयुर्वेद में तुलसी के बीज का इस्तेमाल कई तरह की दवाइयां बनाने में किया जाता है। ये बीज पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं। आप इसका सेवन करने के लिए रात को सोने से पहले एक गिलास पानी में एक चम्मच तुलसी के बीज भिगो दें और सुबह उठकर पानी पी लें और इसके बीज चबाकर खा लें।
वहीं शतावरी भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या में बहुत आराम पहुंचाती है। यह पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन को बढ़ाने में मदद करती है। इसका सेवन करने से स्पर्म काउंट को बढ़ाया जा सकता है। वहीं इनफर्टिलिटी की समस्या को भी दूर किया जा सकता है। आप रोज रात को शतावरी के पाउडर को दूध में मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं।
शिलाजीत का इस्तेमाल इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी बीमारी को ठीक करने में होता है। इसका सेवन करने से प्राइवेट पार्ट में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और साथ ही यौन दुर्बलता भी कम होती है। ये जड़ी-बूटी आपके टेस्टोस्टेरॉन लेवल और स्पर्म काउंट को बढ़ाने का काम करती है।
आयुर्वेद के अंदर सफेद मूसली का उपयोग दवाइयां बनाने में किया जाता है। इसका सेवन करने से पुरुषों के अंदर टेस्टोस्टेरॉन का लेवल बढ़ सकता है। वहीं इस चमत्कारी जड़ी-बूटी का इस्तेमाल सेक्स टाइम को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
अश्वंगधा स्तंभन दोष की समस्या से परेशान पुरुषों के लिए काफी फायदेमंद है। इसका सेवन करने से ब्लड वेसल्स चौड़ी हो जाती हैं, जिससे पेनिस में ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से होता है। अश्वगंधा में एफ्रोडिसिएक प्रोपर्टीज होती हैं। ये आपकी यौन उत्तेजना को बढ़ाने में मदद करता है। अश्वगंधा का सेवन करने से मानसिक तनाव, थकान जैसी समस्याओं में आराम मिल सकता है।
तो जैसा कि आपने जाना कि स्तंभन दोष के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा क्या है? ऐसे में अगर आप भी इस उपचार को अपनाने का सोच रहे हैं, तो उससे पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
अगर आप भी किडनी या किसी अन्य रोग से जूझ रहे हैं, तो अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। वर्तमान की बात करें, तो अभी इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। बता दें कि डॉ. पुनीत न सिर्फ पूरे भारत में, बल्कि पूरे विश्व में किडनी की बीमारी से जूझ रहे पीड़ितों का इलाज आयुर्वेद द्वारा कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। बता दें कि कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।
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