सोरायसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें स्किन पर लाल, पपड़ीदार पैच बनते हैं। यह एक ऑटोइम्यून स्थिति है, जिसका अर्थ है कि आपका इम्यून सिस्टम गलती से स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करता है। इससे स्किन की कोशिकाएं तेजी से बढ़ने लगती हैं और पपड़ीदार पैच बन जाते हैं।
स्किन से जुड़ा ये एक गंभीर रोग है इसलिए इस बात का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है कि सोरायसिस रोग होने पर क्या नहीं खाना चाहिए। लेकिन इससे पहले सोरायसिस के बारे में कुछ ख़ास जानकारियाँ लेनी चहिये जो नीचे दी गयी हैं।
जन्मजात/आनुवंशिकता: माता-पिता या परिवार में किसी को सोरायसिस होने पर संतान में भी इसके होने की संभावना ज़्यादा होती है।
पर्यावरण: कुछ पर्यावरण से जुड़े कारण जैसे इन्फेक्शन, चोट, तनाव, और कुछ दवाएं सोरायसिस के लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं या उन्हें और खराब कर सकते हैं।
लाल, पपड़ीदार पैच: ये पैच आमतौर पर कोहनी, घुटनों, खोपड़ी और पीठ पर होते हैं, लेकिन वे शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकते हैं।
खुजली और जलन: सोरायसिस से प्रभावित त्वचा खुजलीदार और जलन पैदा कर सकती है।
सूखी, फटी त्वचा: सोरायसिस से प्रभावित त्वचा सूखी और फटी हुई हो सकती है।
मोटे या गड्ढेदार नाखून: सोरायसिस कुछ लोगों में नाखूनों को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे वे मोटे या गड्ढेदार हो जाते हैं।
जोड़ों में दर्द और सूजन: सोरायसिस वाले कुछ लोगों को गठिया भी हो सकता है, जिससे जोड़ों में दर्द और सूजन हो सकती है।
सोरायसिस रोग की पहचान होने पर व्यक्ति को कुछ ख़ास चीज़ों का परहेज़ करना चाहिए। इस बारे में सारी जानकारी नीचे दी गयी है।
इस रोग में आमतौर पर नीचे दी गयीं ईन चीज़ों का परहेज़ करना चाहिए:
हाँ, कुछ लोगों में मसालेदार खाना सोरायसिस को बढ़ा सकता है। मसालेदार खाना सूजन को बढ़ा सकता है और सोरायसिस वाले लोगों की स्किन में जलन पैदा कर सकता है।
सोरायसिस में डेयरी प्रोडक्ट्स को पूरी तरह छोड़ने की ज़रूरत नहीं लेकिन डेयरी में मौजूद एराकिडोनिक एसिड नामक पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड सूजन को बढ़ा सकता है, जो सोरायसिस को और खराब कर सकता है इसलिए आम तौर पर डेयरी प्रोडक्ट्स का परहेज़ करने को कहा जाता है।
ग्रीन-टी और कुछ हर्बल चाय में एंटीऑक्सीडेंट और सूजनरोधी गुण होते हैं, जो सोरायसिस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। सिमित मात्रा में कॉफी पीना सोरायसिस के लक्षणों में सुधार कर सकता है, जबकि ज़्यादा कॉफी पीने से लक्षण बढ़ भी सकते हैं। इसलिए एक बार डॉक्टर की सलाह लेकर ही चाय कॉफी की मात्रा तय करें।
हाँ, ज़्यादा नमक खाना सोरायसिस के लक्षणों को बढ़ा सकता है।
हाँ, नेशनल सोरायसिस फाउंडेशन (एनपीएफ) के अनुसार अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो सूजन को कम करने में मदद करता है।
हां, दालें और अनाज सोरायसिस के लिए अच्छे होते हैं, खासकर अगर वे फाइबर से भरपूर और साबुत हों। वे सूजन को कम करने और डाइजेस्ट करने में मदद कर सकते हैं, जो सोरायसिस के लक्षणों को कम कर सकता है।
सोरायसिस में अचार और खट्टी चीज़ें आमतौर पर नहीं खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये शरीर में सूजन को बढ़ा सकते हैं।
आज के इस ब्लॉग में हमने आपको बताया कि सोरायसिस रोग होने पर क्या नहीं खाना चाहिए। लेकिन आप सिर्फ इन सुझावों पर निर्भर ना रहें। अगर आपको सोरायसिस रोग है या ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें या कर्मा आयुर्वेद अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेद के साथ।
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