ल्यूकोडर्मा जिसे आम भाषा में विटिलिगो भी कहा जाता है। एक एसी त्वचा से जुडी समस्या है जो किसी भी उम्र और शरीर की किसी भी जगह पर हो सकता है, जिसमें त्वचा पर सफ़ेद या हल्के रंग के धब्बे दिखाई देते हैं, यह समस्या तब होती है जब त्वचा में melanin पिगमेंट जो त्वचा, बाल और आंखों के रंग के लिए जिम्मेदार है, वो रुक जाता है या बहुत कम हो जाता है, आज इस आर्टिकल में हम ल्यूकोडर्मा के घरेलु उपाय के बारे में बताएँगे उसे पहले हम इनके कारणों पर ध्यान देंगे
सबसे मुख्य कारण ये है की ल्यूकोडर्मा ऑटो इम्यून डिसऑर्डर के कारण होता है जिसमे ल्यूकोडर्मा तब होता है जब बॉडी की इम्यून सिस्टम अपनी ही त्वचा में पिगमेंट बनाने वाली सेल्स melanocytes पर अटैक करना शुरू कर देती है, जिसकी वजह से त्वचा में सफ़ेद दाग बनने लगते हैं
कुछ अन्य कारण इस प्रकार हैं -
हल्दी और सरसों का तेल दोनों में ही ऐसे गुण होते हैं जो त्वचा की स्तिथि में सुधार ला सकते हैं, हल्दी में करक्यूमिन होते हैं जो जो ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया को कम करते हैं, सेल्स को फ्री रेडिकल्स के नुकसान से बचाते हैं और सरसों के तेल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल प्रॉपर्टीज होते हैं जो त्वचा संक्रमण को रोकते हैं और इन दोनों में ही मेलेनिन का उत्पादन को बढाकर विटिलिगो से प्रभावित जगह को नार्मल करने में मदद करता है जिस वजह से यह काफी लाभकारी होते हैं
नारियल तेल में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होते हैं जो विटिलिगो जैसी समस्या में काफी मदद करते हैं ये त्वचा को गहराई से मॉइस्चराइज करता है जिसे त्वचा की बहुत सी समस्या दूर हो जाती है ये मेलेनिन को फिर से एक्टिव करने में काफी मदद करता है और यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करता है
एलोवेरा में ऐसे बहुत से स्वास्थ्य को सुधारने वाले और एक्टिव करने वाले कई गुण होते हैं, एलोवेरा को सबसे ज्यादा त्वचा के लिए प्रयोग किया जाता है क्योंकि ये त्वचा को बहुत अच्छे से मॉइस्चराइज करता है, साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं जैसे विटामिन C और E जो त्वचा को रिपेयर करते हैं और त्वचा में मौजूद सेल्स को एक्टिव करते हैं
एक स्वस्थ जीवन के लिए संतुलित आहार बहुत जरूरी है क्योंकि ये हमारे शरीर वोह सभी जरूरी पोषक तत्वों को पहुंचाते हैं जो हमारे शरीर से जुडी समस्या को दूर करते हैं, विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट हमारे इम्यून सिस्टम को और मजबूत बनाते हैं और जिंक, कॉपर और विटामिन D मेलानिन के उत्पादन में सहायता करते हैं, यही नहीं ये आहार, त्वचा को अंदर से पोषण देता है जिससे प्रभावित क्षेत्रों की हीलिंग प्रक्रिया तेज हो जाती है
तांबा आयुर्वेद में त्वचा से जुडी समस्या जैसे विटिलिगो में काफी फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और मेलानिन बूस्टर गुण होते हैं साथ ही हमारे शरीर से सारे टोक्सिन को बाहर निकालने में मदद करते हैं और पाचन तंत्र को भी साफ करते हैं जिससे त्वचा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है पर हमेशा इस बात का ध्यान रखें की बर्तन हमेशा साफ़ रहे जिससे उसमें किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया न जमें
आज इस आर्टिकल में हमने ल्यूकोडर्मा के घरेलु उपाय के बारे में बताया पर ये सभी उपाय इसके लक्षणों को मैनेज करने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है और ध्यान रहे की सभी उपायों को एक उचित मात्र में ही प्रयोग करें, और आयुर्वेद में ल्यूकोडर्मा के उपचार के लिए अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें। अगर आपको या आपके किसी परिजन को स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो आप कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक चिकित्सकों से अपना इलाज करवा सकते हैं। साथ ही सेहत से जुड़े ऐसे ही ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेद के साथ।
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