लीवर को शरीर का सबसे जरूरी माना जाता है। लीवर का काम खून को फिल्टर करने से लेकर जरूरी हार्मोन और एंजाइम बनाना होता है। ये आपकी बॉडी के ग्लूकोज को भी नियंत्रित करता है। अगर लीवर हेल्दी हो, तो बॉडी भी हेल्दी रहती है, लेकिन अगर वहीं आपका लिवर अनहेल्दी हो, तो बॉडी में कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। कई लोगों को कम उम्र में ही लीवर के कमजोर होने की शिकायत रहती है। लेकिन बता दें कि लीवर मजबूत करने की आयुर्वेदिक दवा को अपनाने से आपकी ये शिकायत दूर हो सकती है। आइए, जानते हैं वो दवाई क्या है -
1) थकान
2) पीलिया
3) त्वचा में खुजली होना
4) भूख न लगना
5) पेट में दर्द या सूजन
6) पाचन से जुड़ी समस्याएं
7) नींद खराब होना
8) मूत्र का रंग गहरा होना
1) गंदा पानी पीना
2) दूषित मांस का सेवन
3) शराब और सिगरेट पीना
4) मिर्च मसाले वाला खाना
5) कब्ज की परेशानी
6) ज्यादा नमक खाना
लीवर मजबूत करने की आयुर्वेदिक दवा -
1) लहसुन - लहसुन में एस-एलील्मर कैप्टोसाइटिस्टीन नाम का यौगिक होता है। ये लीवर को चोट लगने से बचाने के लिए जाना जाता है। वहीं लहसुन में भरपूर एंटी-ऑक्सिडेंट्स भी होते हैं, जो लीवर की सूजन को कम करने के लिए जाने जाते हैं।
2) अश्वगंधा - अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। ये लीवर के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। इसका सेवन करने से तनाव को भी कम किया जा सकता है। यह पाचन तंत्र को भी चुस्त-दुरुस्त बनाने में बहुत सहयोग करती है। आप चाहें तो अश्वगंधा का पाउडर ले सकते हैं। इससे आपको बहुत लाभ होगा।
3) त्रिफला - त्रिफला का चूर्ण शरीर के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इस चूर्ण का सेवन करने से डाइजेशन को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। इसके साथ ही इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुम शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर लीवर को खराब होने से बचाते हैं। आप चाहें तो लीवर को मजबूत बनाने के लिए त्रिफला का चूर्ण या इसका जूस निकालकर भी पी सकते हैं।
4) हल्दी - हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये लीवर की परेशानी से जूझ रहे लोगों के लिए बहुत अच्छा विकल्प मानी जाती है। ये एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सिडेंट्स भी है, जो लीवर की कोशिकाओं को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करती है। इतना ही नहीं, हल्दी में हेपाटोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं, जो लीवर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
5) सेब का सिरका - वहीं सेब का सिरका जितना खाने की चीजों में इस्तेमाल होता है। उतने ही इसमें औषधीय गुण छिपे हुए होते हैं। अगर आप सेब के सिरके में शहद मिलाकर उसका सेवन करते हैं, तो आप अपने फैटी या कमजोर लीवर से पीछा छुड़ाकर उसे हेल्दी बना सकते हैं।
6) मुलेठी - मुलेठी को भी एक असरदार जड़ी-बूटी माना जाता है। ये स्वास्थ्य को ठीक करने के लिए जानी जाती है। इसका सेवन करने के लिए मुलेठी की जड़ को पानी में अच्छे से और पानी को ठंडा करके उसे छानकर पी लें। इससे आप खराब लीवर की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
तो जैसा कि आपने जाना कि लीवर मजबूत करने की आयुर्वेदिक दवा क्या है, लेकिन फिर भी इसका सेवन करने से पहले आप एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें। क्योंकि डॉक्टर ही आपको बेहतर तरीके से बता पाएंगे कि आपके लिए ये आयुर्वेदिक उपाय लाभकारी हैं या नहीं।
अगर आपको भी लीवर से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है
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