लिवर सिरोसिस के घरेलू उपाय

लिवर सिरोसिस क्या है?

लिवर सिरोसिस आमतौर पर लिवर की गंभीर और प्रोग्रेसिव बीमारी है। इसमें लिवर पर निशान पड़ जाते हैं और लिवर हमेशा के लिए खराब हो जाता है। यह बीमारी सिरोसिस का आखिरी चरण है, जो आपके लिवर फंक्शन को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।

लिवर सिरोसिस के लक्षण

  • पेट में सूजन
  • थकान और कमजोरी
  • वजन घटना
  • लिवर का आकार बढ़ना
  • भूख में कमी
  • पाचन से जुड़ी समस्या
  • गले में खराब और खांसी
  • यूरिन के रंग में बदलाव
  • हल्के रंग का मल
  • हाथ और पैर में ऐंठन

लिवर सिरोसिस के कारण

  • शराब का अत्यधिक सेवन
  • हेपेटाइटिस बी और सी
  • नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज
  • ऑटोइम्यून बीमारी
  • पोटैशियम की कमी
  • आनुवांशिकता
  • लिवर में ब्लॉकेज या कंप्रेशन
  • लंबे समय तक किसी दवा का सेवन

लिवर सिरोसिस के घरेलू उपाय

पपीता- पपीते में विटामिन-ए, सी, फ्लेवोनोइड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जिससे लिवर को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। इसके अलावा पपीते की एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज़ लिवर की सूजन कम करता है और लिवर फंक्शन को बेहतर बनाता है।

चुकंदर- चुकंदर में बेतालाइन होता है, जो लिवर को साफ करता है और टॉक्सिंस को बाहर निकालता है। साथ ही चुकंदर में एंटीऑक्सीडेंट्स, फोलिक एसिड, फाइबर, पोटेशियम और विटामिन C जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो लिवर फंक्शन में सुधार करते हैं। चुकंदर में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण रक्त प्रवाह और इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाते हैं।

नींबू का रस- लिवर सिरोसिस में नींबू का रस एक प्रभावी उपाय हो सकता है। नींबू में विटामिन-सी और सिट्रिक एसिड होता है, जो लिवर को डिटॉक्स करता है। इसके अलावा विटामिन-सी आपके लिवर की कोशिकाओं को डैमेज से बचाता है और लिवर को स्वस्थ बनाए रखता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स लिवर फंक्शन की क्षमता को बढ़ाते हैं। यह पाचन को सुधारने और लिवर की सूजन कम करने में भी फायदेमंद हो सकता है, लेकिन लिवर सिरोसिस के इलाज के लिए आपको सबसे पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

काली मिर्च- लिवर सिरोसिस में कालीमिर्च का सेवन बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसमें पिपेरिन होता है, जो लिवर को डिटॉक्स करने का सबसे अच्छा स्रोत है। साथ ही काली मिर्च एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है। यह लिवर की कोशिकाओं को सूजन से बचाकर उनकी मरम्मत करती है, जिससे आपके पाचन और रक्त प्रवाह में सुधार होता है।

जैतून का तेल- जैतून का तेल लिवर सिरोसस का अन्य प्रभावी उपचार हो सकता है। इसमें पॉलीफेनॉल्स और विटामिन-ई जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो लिवर की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं। साथ ही इस तेल में मौजूद डिटॉक्सिफाइंग और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण लिवर को साफ और कोशिकाओं की मरम्मत करते हैं, जिससे लिवर के काम करने की क्षमता बढ़ जाती है।

ग्रीन टी- ग्रीन टी में कैटेचिन्स और फ्लेवोनॉयड्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह लिवर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को नियंत्रित करने, लिवर फंक्शन को बेहतर बनाने, लिवर को डिटॉक्स करने, फैटी लिवर की समस्या में सुधार और लिवर की कोशिकाओं की मरम्मत करने जैसे फायदे प्रदान करते हैं।

संतुलित आहार- लिवर सिरोसिस के मरीजों के लिए संतुलित आहार का सेवन बहुत फायदेमंद हो सकता है। संतुलित आहार में फल और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल हैं, क्योंकि इनमें फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स जैसे सभी ज़रूरी पोषक तत्व होते हैं। यह लिवर के काम करने की प्रक्रिया में सुधार करते हैं और लिवर को लंबे समय तक स्वस्थ बनाए रखते हैं। हालांकि, प्रोटीन और वसा की ज्यादा मात्रा से लिवर सिरोसिस के लक्षण गंभीर हो सकते हैं। ऐसे में आपको इनका सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।

नमक का सीमित सेवन- लिवर सिरोसिस या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या के लिए नमक का सीमित सेवन बहुत ज़रूरी है। ज्यादा नमक खाने से शरीर में फ्लुइड रिटेंशन, हाई ब्लड प्रेशर और लिवर से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। लिवर सिरोसिस के दौरान शरीर में पानी का जमाव और पेट में सूजन होना आम बात है। ऐसे में नमक की ज्यादा मात्रा से यह समस्याएं गंभीर हो सकती हैं।

योग और हल्के व्यायाम- योग और हल्के व्यायाम लिवर सिरोसिस के मरीजों के लिए अन्य प्रभावी उपचार हैं। यह शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति को बेहतर बनाते हैं, जिससे लिवर फंक्शन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हालांकि, इनके अभ्यास से पहले डॉक्टर से परामर्श करना ज़रूरी है, जिससे समस्या के लक्षणों को कम किया जा सकता है।

उपवास- लिवर सिरोसिस में सही तरीके से किया गया उपवास प्राकृतिक और प्रभावी विकल्प हो सकता है। इससे आपके लिवर फंक्शन में सुधार होता है।

कुल मिलाकर, लिवर सिरोसिस के घरेलू उपाय आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। लेकिन, केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और कोई भी उपचार विकल्प चुनने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें। ऐसा इसलिए है, क्योंकि बिना डॉक्टर की सलाह से किया गया उपचार लिवर के फंक्शन और आपके समग्र स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। यदि आप या आपके किसी परिजन को स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है, तो आप कर्मा आयुर्वेदा में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक अस्पताल से अपना इलाज करवा सकते हैं। सेहत से जुड़े ऐसे ही ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।

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