लिम्फोमा कैंसर एक गंभीर और जटिल बीमारी है। यह कैंसर का एक अन्य प्रकार है, जिसका प्रभाव आपके लिम्फेटिक सिस्टम पर पड़ता है। लिम्फेटिक सिस्टम आपके इम्यून सिस्टम का हिस्सा है, जो शरीर से अपशिष्ट पदार्थों, बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने का काम करता है। लिम्फेटिक सिस्टम में लिम्फ नोड्स, टॉन्सिल्स, टेस्टिकल्स, स्प्लीन और बोन मैरो शामिल होती हैं। जब इसकी कोशिकाओं में असामान्य और अनियंत्रित वृद्धि होने लगती है, तो यह कैंसर का रूप ले लेता है। लिम्फोमा कैंसर के घरेलू उपाय से इसकी रोकथाम और लक्षणों को कम करना संभव है। लेकिन, सबसे पहले आपके लिए लिम्फोमा कैंसर के लक्षण, कारण और प्रकार के बारे में जानना जरूरी है।
लिम्फोमा कैंसर के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:
कई जोखिम कारक लिम्फोमा कैंसर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे ही कुछ कारणों में निम्नलिखित शामिल हैं:
आमतौर पर लिम्फोमा कैंसर के दो मुख्य प्रकार हैं, जैसे:
लिम्फोमा कैंसर के घरेलू उपाय भी हैं, जो लक्षणों को कम करते हैं और आपको स्वस्थ बनाए रखते हैं। ऐसे ही कुछ घरेलू उपाय नीचे दिए गए हैं, जो लिम्फोमा कैंसर के इलाज में फायदेमंद हो सकते हैं:
मुलेठी- मुलेठी एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे लंबे समय से कई बीमारियों के इलाज में उपयोग किया जाता रहा है। इसमें फ्लेवोनॉयड्स, सेपौनिन, ग्लाइसीरिज़िन जैसे योगिक होते हैं। यह आपको लिम्फोमा कैंसर के दौरान होने वाले इंफेक्शन से बचाते हैं।
आयरन और फॉलिक एसिड- लिम्फोमा कैंसर या कैंसर के किसी भी प्रकार के लिए आयरन और फॉलिक एसिड जैसे पोषक तत्व बहुत जरूरी है। आयरन शरीर में हिमोग्लोबिन के निर्माण में मदद करता है, जो रक्त में ऑक्सीजन को शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंचाता है। जबकि, फॉलिक एसिड का काम शरीर में नई कोशिकाओं का निर्माण करना है। कैंसर के मरीजों में आयरन की कमी एनीमिया और फॉलिक एसिड की कमी कोशिकाओं के नुकसान का कारण बन सकती है। ऐसे में हरी पत्तेदार सब्जियां, दाल और फलियों के सेवन से शरीर में दोनों पोषक तत्वों की कमी को पूरा किया जा सकता है, जिससे कैंसर के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
बादाम और अखरोट- बादाम में प्रोटीन, विटामिन-ई, मैग्निशियम, फाइबर और स्वस्थ वसा होती है। जबकि, अखरोट ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन-ई और मिनरल्स से भरपूर होता है। इनके सेवन से लिम्फोमा कैंसर के लक्षणों को कम करने, इम्यून सिस्टम को मजबूत करने, पाचन को बेहतर बनाने, वजन नियंत्रित करने, दिल के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और किडनी के कार्य में सुधार लाने में मदद मिल सकती है।
खट्टे फल- लिम्फोमा कैंसर में नींबू, आंवला, संतरा, अंगूर और कीवी जैसे खट्टे फल बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। यह फल विटामिन-सी, एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइटोन्यूट्रिएंट्स और फाइबर से समृद्ध होते हैं। इनसे आपको कैंसर के इलाज और समग्र शरीर को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है। हालांकि, आपको खट्टे फलों के बहुत ज्यादा सेवन से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इनमें एसिड की ज्यादा मात्रा होती है, जिससे पेट में जलन या एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
ग्रीन टी- ग्रीन टी में कैटेचिन और पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में कैंसर की कोशिकाओं के विकास को रोकते हैं। साथ ही यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और उपचार के दौरान होने वाली समस्याओं को कम करने में भी फायदेमंद हो सकती है। इसके अलावा ग्रीन टी में इम्यून बूस्टिंग गुण होते हैं, जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं और आपको इंफेक्शन से बचाते हैं।
एलोवेरा- एलोवेरा का सेवन भी लिम्फोमा कैंसर का एक प्राकृतिक और प्रभावी उपचार विकल्प हो सकता है। इसमें विटामिन-सी, ई, जिंक और सिलिका जैसे जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं के विकास और इसके लक्षणों की रोकथाम कर सकते हैं। हालांकि, कई बार एलोवेरा का ज्यादा सेवन दस्त या पेट से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है। ऐसे में आपको डॉक्टर से परामर्श के बाद ही इसका उपयोग करना चाहिए।
कुल मिलाकर, लिम्फोमा कैंसर के घरेलू उपाय आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। लेकिन, आप केवल इन उपायों पर ही निर्भर न रहें और कोई भी उपचार विकल्प चुनने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें। लिम्फोमा कैंसर, अन्य कैंसर के आयुर्वेदिक उपचार के लिए आप कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल में सम्पर्क कर सकते हैं। यहां आप भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक चिकित्सकों से कैंसर का बेस्ट आयुर्वेदिक उपचार प्राप्त कर सकते हैं। हेल्थ से जुड़े ऐसे ही अन्य ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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