मधुमेह रोगियों के लिए आयुर्वेदिक औषधि

बदलते लाइफस्टाइल की वजह से डायबिटीज या मधुमेह होना आजकल आम बात हो गई है। आजकल इस बीमारी की चपेट में बहुत लोग आने लगे हैं। मधुमेह होने के बाद शरीर में कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं, लेकिन चिंता की बात नहीं है क्योंकि मधुमेह रोगियों के लिए आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे लेकर उन्हें बहुत आराम मिल सकता है।

मधुमेह के लक्षण

1) ज्यादा पेशाब आना 

2) उल्टी होना

3) वजन का अचानक बढ़ना या कम होना 

4) थकावट महसूस होना 

5) ज्यादा पेशाब आना 

6) भूख और प्यास ज्यादा लगना

मधुमेह रोगियों के लिए आयुर्वेदिक औषधि

1) अलसी के बीज - अलसी के बीज भरपूर मात्रा में फाइबर होता है। ऐसे में अलसी के चूर्ण का सुबह खाली पेट गर्म पानी से सेवन किया जा सकता है। इससे आपको बहुत आराम मिल सकता है।

2) सौंफ - सौंफ का सेवन करने से डायबिटीज कंट्रोल में रहती है। आप सौंफ को रोजाना खाने के बाद अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं।

3) मेथी - मेथी के दानों में औषधीय गुण मौजूद होते हैं। ऐसे में इसके दानों को रात को सोने से पहले एक गिलास पानी में डालकर रख दें और सुबह उठकर खाली पेट इसके पानी को पी लें। इससे आपको डायबिटीज में बहुत आराम मिलेगा।

4) तुलसी - तुलसी में मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट और जरूरी तत्व बॉडी में इंसुलिन जमा करने और छोड़ने वाली कोशिकाओं को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। डायबिटीज के मरीज रोजाना तुलसी के 2 से 3 पत्तों का सेवन कर सकते हैं।

5) दालचीनी - दालचीनी का काम ब्लड में शुगर लेवल को कम करने का होता है। आप इसे घरेलू दवा के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। आप कुछ समय तक दालचीनी या उसके पाउडर को अपने आहार में शामिल करके राहत पा सकते हैं।

मधुमेह रोगियों के लिए आयुर्वेदिक इलाज

तो जैसा कि आपने जाना कि मधुमेह रोगियों के लिए आयुर्वेदिक औषधि किस तरह से इस्तेमाल की जा सकती है, लेकिन इन उपायों को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले।

अगर आपको भी मधुमेह या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी और अन्य कई बीमारी के रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी रोगियों का आयुर्वेदिक इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का इलाज कर रहा है।

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