मधुमेह जिसे हम डायबिटीज के नाम से भी जानते हैं ये एक एसी बीमारी है जिसमे शरीर में इन्सुलिन का उत्पादन सही से नहीं हो पता है, इन्सुलिन का अर्थ है एक एसा हॉर्मोन जो बॉडी में ग्लूकोस यानी शुगर की मात्रा को नियंत्रित रखता है, जब यही शुगर की मात्रा इन्सुलिन की वजह से रक्त में बढ़ जाती है तब मधुमेह की समस्या उत्पन हो जाती है। जिसे शरीर में कई प्रकार की स्वस्थ समस्याएं हो सकती है आज इस आर्टिकल में हम आपको मधुमेह के घरेलू उपाय के बारे में बताएँगे साथ ही उसके लक्षणों और कारणों पर भी हम ध्यान देंगे।
जामुन - जामुन मधुमेह को कम करने में बहुत ही असरदार माना जाता है, यह ब्लड से शुगर की मात्रा कम करता है। ये इन्सुलिन को नियंत्रित भी रखते है, मधुमेह में आप जामुन या उसके पत्ते के रस का भी सेवन कर सकते हैं, या आप चाहे तो इसके बिज को सुखा कर उसका पाउडर भी बना सकते हैं
जानकारी - पाउडर या रस को खाली पेट में लेने से काफी फायदा देखने को मिलता है पर हमेशा इसकी मात्रा का ध्यान रखें, साथ ही गर्भवती और स्तनपान करा रही महिलाओं और कोई अन्य दवाई लेने वाले लोगों को चिकित्सक की सलाह लेनी ज़रुरी है।
आंवला - आंवला को बहुत पुराने समय से ही बहुत से स्वस्थ सम्बन्धी समस्यायों के लिए प्रयोग में लाया जाता है इसमें एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन C और फाइबर होते हैं जो इसे मधुमेह जैसी परेशानियों से लड़ने का क्षमता देती है।
जानकारी - अगर आंवला को खली पेट खा कर पेट में जलन जैसी कोई समस्या होती है तो आप खाना खाने के बाद आंवला को खाएं और हमेशा इसकी मात्रा का ध्यान रखें क्योंकि ज़्यादा आंवला खाने से एसिडिटी जैसी परेशानी होती है, साथ ही इसके सेवन के बाद पानी भी ज़रूर पिएं जिसे ये सही से पच जाए।
मेथी के दाने - मेथी के दाने को आयुर्वेद में बहुत ही प्रभावी मन जाता है, जो बहुत ही आसानी से घर पर मिल भी जाते हैं, ये पाचन क्रिया को थोडा धीरे करता है जो रक्त में ग्लूकोस की मात्रा नियंत्रित करता है क्योंकि खाने के बाद अचानक से शुगर की मात्रा बढ़ने का डर बना रहता है।
जानकारी - मेथी के दाने को खली पेट में लेने से बहुत फायदा होता है पर अगर आपको खली पेट लेने में कोई समस्या हो तो आप इसे खाने के बाद खा सकते हैं, साथ ही इसकी मात्रा का भी ध्यान रखें और गर्भवती और स्तनपान करा रही महिलाएं और शुगर की दवाई लेने वाले भी सबसे पहले डॉक्टर से सम्पर्क करें।
दालचीनी - दालचीनी मधुमेह में काफी लाभकारी होता है, ये शरीर में इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ाता है जिसे रक्त में ग्लूकोस की मात्रा को बैलेंस करता है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं जो मधुमेह से होने वाली परेशानियों को कम करता है।
जानकारी - ज़रूरत से ज़्यादा दालचीनी का सेवन आपके लीवर पर बुरा असर डाल सकता है, गर्भवती और स्तनपान करा रही महिलाएं और शुगर की दवाई लेने वाले भी सबसे पहले डॉक्टर से सम्पर्क करें।
आज इस आर्टिकल में हमने आपको मधुमेह के घरेलू उपाय के बारे में बताया पर अगर आपको बताये गये सभी लक्षणों में से कोई परेशानी है तो अपनी जांच ज़रूर कराएँ और यदि आप या आपके अपनों को किडनी क्रिएटिनिन से जुडी कोई भी समस्या है तो आप भी कर्मा आयुर्वेद अस्पताल में किडनी क्रिएटिनिन के बेस्ट डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं और एसे ही हेल्थ से जुड़े आर्टिकल्स और ब्लोग्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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