मतिभ्रम एक ऐसी स्थिति होती है, जो बिल्कुल वास्तविक लगती है। लेकिन ये स्थिति केवल दिमाग बनाता है। यह आपकी पांचों इंद्रियों पर असर डाल सकता है। इस स्थिति में आपको ऐसी आवाजें सुनाई दे सकती हैं, जो किसी और को सुनाई नहीं देंगी या कुछ ऐसा दिखता है, जो हकीकत या वास्तविक नहीं होता है। ऐसे में इस पर वक्त रहते काबू पाना जरूरी है। आज हम आपको मतिभ्रम के कारण और इलाज के बारे में बताने जा रहे हैं।
1) मिर्गी - मिर्गी के दौरे पड़ते समय पीड़ित में मतिभ्रम दिखने की संभावनाएं अधिक बढ़ सकती हैं। रोगी को कितने ज्यादा अधिक माया और भ्रम देखने को मिलेंगे, यह इस बात पर निर्भर करता है कि मिर्गी के दौरे ने रोगी के दिमाग के किस भाग को प्रभावित किया है।
2) माइग्रेन - माइग्रेन के मरीजों को माया भ्रम का सामना करना पड़ता है। इसमें मरीज को रंग-बिरंगी लाइट्स देखने को मिल सकती हैं।
3) अल्जाइमर या डिमेंशिया - इन दोनों ही स्थिति में आपके दिमाग में कुछ बदलाव आ जाते हैं। इसी वजह से आपको कुछ ऐसी चीजें दिखती हैं, जो बनावटी होती हैं। अगर आपकी यह बीमारी ज्यादा गंभीर हो जाती है, तो इसके लक्षण भी पीड़ित में ज्यादा दिखने लगते हैं।
4) ब्रेन ट्यूमर - ब्रेन ट्यूमर कहां पर है, इस बात पर आधारित भी आपको कई मतिभ्रम देखने को मिल सकते हैं। यह आपकी नजर और दृष्टि से संबंधित होता है, जिसमें आपको कई चीजें देखने को मिल सकती हैं, जो असली नहीं होती हैं।
5) पार्किंसन बीमारी - इस बीमारी में आधे से ज्यादा पीड़ितों को ऐसा महसूस होता है कि जो स्थिति उन्हें दिख रही है, वह असल में नहीं है। यह बीमारी दिमाग से जुड़ी हुई होती है, जो ज्यादातर बूढ़े लोगों में देखने को मिलती है।
6) चीजों का दिखना - इस स्थिति में कई बार ऐसा महसूस होता है कि आपके हाथ पर या सामने वाले के मुंह पर कोई चीज चल रही है या किसी चीज की शेप बनी हुई है। इस स्थिति को visual hallucination कहते हैं। इसके कारणों में बाइपोलर डिसऑर्डर, डिप्रेशन, डिमेंशिया, पार्किंसन, माइग्रेन, स्लीपिंग डिसऑर्डर, ब्रेन ट्यूमर से जुड़ी दिक्कतें शामिल हैं।
मतिभ्रम का आयुर्वेदिक इलाज
1) रोजाना योग करें
2) तनाव न लें
3) बहुत सारी नींद लें और आराम करें
4) स्वस्थ और पौष्टिक भोजन करें
5) मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखें
6) डिप्रेशन से राहत पाने का तरीका ढूंढ़े
1) दवाएं - मतिभ्रम के अन्य उपचार की बात करें, तो अगर आपको शराब छोड़ने के बाद भी मतिभ्रम का एहसास होता है, तो आप डॉक्टर से दवाई लें सकते हैं। डॉक्टर ही आपको बेहतर तरीके से दवाई दे पाएंगे।
2) मनोवैज्ञानिक परामर्श - बता दें कि परामर्श से भी मतिभ्रम का इलाज किया जा सकता है। अगर आपके मतिभ्रम का कारण मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है, तो आप एक मनोवैज्ञानिक सलाहकार से बात जरूर करें।
तो जैसा कि आपने जाना कि मतिभ्रम का आयुर्वेदिक इलाज संभव हो सकता है। लेकिन फिर भी इस इलाज को अपनाने से पहले आप एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें, क्योंकि वो आपकी रिपोर्ट्स देखकर आपका इलाज बेहतर तरीके से कर पाएंगे।
अगर आपको भी किडनी या उससे जुड़ी कोई भी परेशानी महसूस हो रही है, तो आप इसका इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। बता दें कि यहां सन् 1937 से किडनी रोगियों का इलाज किया जा रहा है और वर्तमान में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत ने न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरे विश्व में किडनी की बीमारी से जूझ रहे पीड़ित व्यक्तियों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है
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