भारत में मोटर न्यूरॉन रोग उपचार
मोटर न्यूरॉन रोग में मूवमेंट सेल्स प्रभावित होती हैं। इस रोग से नसों पर प्रभाव पड़ता है, जिसे मोटर नर्व्स या मोटर न्यूरॉन कहा जाता है। मोटर न्यूरॉन रोग में, मसल्स में कमजोरी, बोलने में परेशानी और यहां तक कि पैरालिसिस जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। सीधे तौर पर कहें, तो दिमाग का मसल्स से संबंध टूट जाना ही मोटर न्यूरॉन रोग कहलाता है। इस बीमारी का वक्त रहते इलाज करना बहुत जरूरी है, वरना कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में मोटर न्यूरॉन रोग उपचार के द्वारा इसे ठीक किया जा सकता है।
बता दें कि मोटर न्यूरॉन रोग मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी का रूप समझा जाती है। ये कई स्थितियों की वजह से हो सकती है। ये दिमाग और स्पाइन के नर्व को प्रभावित करता है। इसमें धीरे-धीरे प्रभावित हुई नसें काम करना बंद कर देती हैं।
1) बोलने और सुनने में परेशानी
2) जोड़ों में कमजोरी महसूस होना
3) मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन, मरोड़
4) वजन कम होना
5) हाथ-पैरों में कमजोरी होना
6) सोचने-समझने में परेशानी
7) थकान
1) एमीट्रोफिक लेट्रल स्क्लेरोसिस
2) प्रोग्रेसिव बलबर पैलिसी
3) प्राइमरी लेट्रल स्क्लेरोसिस
4) स्पाइनल मस्कुलर एट्रोपी
5) प्रोग्रेसिव मस्कुलर एट्रोपी
1) आयुर्वेदिक दवाइयां - आयुर्वेदिक दवाइयां काफी लंबे समय तक चलती रहती है। इस रोग के लिए मरीजों को देने वाली दवाइयां वैद्यों द्वारा तैयार की जाती हैं। ये सभी आयुर्वेदिक दवाइयां लंबे समय तक के लिए सुरक्षित होती हैं।
2) पंचकर्मा थेरेपी - पंचकर्मा थेरेपी के द्वारा भी मोटर न्यूरॉन रोग का उपचार किया जा सकता है। इस उपचार में मरीज को ठीक होने के लिए कई तरह के विकल्प दिए जाते हैं।
3) योग और एक्सरसाइज - योग और एक्सरसाइज द्वारा भी मोटर न्यूरॉन रोग का इलाज किया जा सकता है। इससे शरीर मजबूत रहता है और अकड़न कम हो जाती है।
4) डाइट - वहीं मोटर न्यूरॉन रोग का इलाज करने के लिए डाइट पर ध्यान देना भी जरूरी है। ऐसे में अपनी डाइट और खान-पान के बारे में अपने डाइटिशियन से सलाह जरूर करें.
अगर आपको भी अपने शरीर में मोटर न्यूरॉन रोग के ये लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आप जल्दी से जल्दी भारत में मोटर न्यूरॉन रोग का उपचार करवाएं। इससे आपको बहुत आराम मिलेगा, लेकिन इस उपचार को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें.
अगर आपको भी इस रोग से जुड़ी किसी भी तरह की दिक्कत महसूस हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी रोगियों का इलाज किया जा रहा है और वर्तमान में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत ने न सिर्फ पूरे भारत में, बल्कि पूरे विश्व में किडनी की बीमारी से जूझ रहे पीड़ितों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है|
Second Floor, 77, Block C, Tarun Enclave, Pitampura, New Delhi, Delhi, 110034