कैंसर कई तरह का होता है, जैसे कि लंग कैंसर, बल्ड कैंसर, बोन कैंसर आदि। इन्हीं में से एक ब्लड कैंसर है। ब्लड कैंसर बहुत ही जानलेवा और घातक बीमारी मानी जाती है। इस बीमारी में व्यक्ति न सिर्फ शारीरिक रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी प्रभावित होने लगता है।
बता दें कि ब्लड कैंसर को ल्यूकेमिया भी कहते हैं। ये ब्लड में मौजूद व्हाइट ब्लड सेल्स पर असर डालता है। ब्लड कैंसर के कई तरह के कारण और लक्षण होते हैं। लेकिन, साथ ही ब्लड कैंसर का आयुर्वेदिक इलाज अपनाकर इस बीमारी पर काबू भी पाया जा सकता है।
1) थकान होना
2) कफ
3) स्किन में बदलाव
4) बुखार
5) सिर में चक्कर आना
6) सांस लेने में परेशानी
7) भूख में कमी
8) स्किन में खुजली होना
1) मोटापा बढ़ना
2) धूम्रपान करना
3) तंबाकू खाना
4) परिवार में किसी को ब्लड कैंसर
5) इम्यून सिस्टम कमजोर होना
1) शिरोधारा - यह एक तरह का आयुर्वेदिक उपचार है। इसे आयुर्वेद का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। इसमें आमतौर पर विशिष्ट आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और आवश्यक तेल से शरीर पर मालिश की जाती है। शिरोधारा एक बहुत ही बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार है।
2) बस्ती - यह भी एक प्रकार का आयुर्वेदिक उपचार है। यह एक प्रकार का एनीमा है, जिसमें बृहदान्त्र से टॉक्सिन्स को निकालने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का भरपूर इस्तेमाल किया जाता है।
3) अभ्यंग मालिश - यह भी आयुर्वेदिक चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस उपचार में भी आमतौर पर विशेष प्रकार की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही इस उपचार में खास तौर से आवश्यक तेलों से मालिश की जाती है।
4) पौष्टिक आहार - ब्लड कैंसर की बीमारी से जूझ रहे लोगों को आहार का खास तौर से ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए आपको अल्कलाइन डाइट जैसे कि नारियल पानी, ताजा न्यूट्रिशियस फूड जैसे कि सेब और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन रोजाना करना चाहिए।
5) गिलोय - गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। वहीं इसमें एंटी-कैंसर गुण भी होते हैं। इसका सेवन करने से ट्यूमर पर काबू पाने में मदद मिलती है। गिलोय का उपयोग आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में भी किया जाता है। गिलोय के इस्तेमाल से ब्लड कैंसर में बहुत मदद मिलती है।
6) हल्दी - हल्दी में औषधीय गुण मौजूद होते हैं। इसमें कैंसर को रोकने की वास्तविक क्षमता होती है। हल्दी को कैंसर रोगियों में जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए जाना जाता है। इसका सेवन करने से ब्लड कैंसर के रोगियों को बहुत मदद मिलेगी।
तो जैसा कि आपने जाना कि ब्लड कैंसर का आयुर्वेदिक इलाज क्या है? फिर भी इसे लेने से पहले आप एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।
अगर आपको भी इस रोग से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी रोगियों का आयुर्वेदिक इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।
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