आजकल फैटी लीवर की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ गई है। ऐसा तब होता है, जब लिवर की सेल्स में फैट इकट्ठा होने लगता है, तब फैटी लीवर की समस्या होती है। ये गलत खाने-पीने और खराब जीवनशैली की वजह से भी होता है। बता दें कि इस बीमारी में लीवर में सूजन बढने लगती है, जिससे लीवर खराब होने लगता है। फैटी लीवर की समस्या का सही इलाज न करने से आपको और भी कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। आइए, फैटी लीवर रोग के लिए आयुर्वेदिक दवा जानते हैं -
1) वजन कम होना
2) पेट में दर्द होना
3) पैरों में सूजन आना
4) भूख कम लगना
5) आंखों में पीलापन आना
6) त्वचा पर खुजली होना
1) खून में फैट बढ़ जाना
2) मेटाबॉलिज्म का कम होना
3) डायबिटीज
4) ज्यादा मिर्च मसाले वाला खाना
5) कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाना
6) मोटापा बढ़ना
1) गिलोय - गिलोय को एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी माना जाता है। गिलोय का सेवन करके कई गंभीर समस्याओं का इलाज किया जा सकता है। गिलोय में मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट फी रेडिकल्स से लड़ने में मदद करता है। इसका सेवन करने से इम्यूनिटी भी बढ़ती है और फैटी लीवर की समस्या में आराम मिलता है।
2) पुनर्नवा - पुनर्नवा को भी एक बेहतरीन जड़ी-बूटी माना जाता है। इसका सेवन कई बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। एक चम्मच पुनर्नवा के पाउडर को पानी या दूध में डालकर लेने से फैटी लीवर की समस्या को कम किया जा सकता है।
3) आंवला - आंवले में विटामिन-सी की भरपूर मात्रा होती है, जो डाइजेशन और लीवर से जुड़ी समस्याओं के लिए फायदेमंद होता है। आंवले में मौजूद गुण शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने का काम करते हैं और बॉडी डिटॉक्स होती है। इसका सेवन करने से फैटी लीवर की समस्या को कम किया जा सकता है।
4) कालमेघ - कालमेघ को भी आयुर्वेदिक औषधी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। लीवर को हेल्दी रखने में कालमेघ बहुत मदद करती है। इसकी पत्तियों में मौजूद हेपटाप्रोटेक्टिव गुण लीवर डैमेज होने से बचाते हैं और साथ ही लीवर से जुड़ी बीमारियों को भी ठीक करता है।
5) एलोवेरा - एलोवेरा को ब्लड प्यूरीफायर माना जाता है। एलोवेरा लीवर की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और फैटी लीवर की बीमारी का इलाज करने में मदद कर सकता है। इसका सेवन करने से शरीर में जमा टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है।
तो जैसा कि आपने जाना कि फैटी लीवर रोग के लिए आयुर्वेदिक दवा करने से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। ऐसे में इसका सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें।
अगर आपको भी फैटी लीवर या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी और अन्य कई बीमारी के रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी के रोगियों का आयुर्वेदिक इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का आयुर्वेदिक इलाज कर रहा है।
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