फैटी लिवर के 5 आयुर्वेदिक उपचार

खराब खानपान की वजह से लिवर का फैटी होना आम बात हो गई है। ये समस्या तब होती है जब लिवर की कोशिकाओं में ज्यादा मात्रा में फैट इकट्ठा होने लगता है। इस बीमारी के दौरान लिवर में सूजन बढ़ जाती है, जिससे लिवर खराब होने लगता है। अगर फैटी लिवर का सही समय पर उपचार न हो, तो कई तरह की समस्याएं खड़ी हो सकती हैं, लेकिन फैटी लिवर के 5 आयुर्वेदिक उपचार करके इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

फैटी लिवर के लक्षण

  • 1) पेट में सूजन आना
  • 2) भूख न लगना
  • 3) थकान और कमजोरी होना
  • 4) पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द
  • 5) मल का रंग हल्का पड़ना
  • 6) पैरों और टखनों में सूजन आना
  • 7) त्वचा और आंखों का पीला होना

फैटी लिवर के कारण

  • 1) हाई कोलेस्ट्रॉल
  • 2) मोटापा बढ़ना
  • 3) शराब का ज्यादा सेवन करना
  • 4) वज का तेजी से कम होना
  • 5) डायबिटीज
  • 6) उम्र बढ़ना

फैटी लिवर के लिए आयुर्वेदिक दवा

1) आंवला - आंवले में विटामिन-सी जैसे कई तरह के औषधीय गुण मौजूद होते हैं। इसका सेवन करने से पाचन और लिवर से जुड़ी कई समस्याओं में आराम मिल सकता है। आंवला खाने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और बॉडी को डिटॉक्स करने में मदद मिल सकती है। फैटी लिवर की समस्या को ठीक करने के लिए आप आंवले का सेवन कर सकते हैं।

2) पुनर्नवा - पुनर्नवा को भी फैटी लिवर की समस्या ठीक करने के लिए एक बेहतरीन आयुर्वेदिक उपाय माना जाता है। इस जड़ी-बूटी का सेवन करने से फैटी लिवर की समस्या को खत्म करके उसे हेल्दी रखने में मदद मिल सकती है।

3) कालमेघ - कालमेघ का इस्तेमाल भी आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है। फैटी लिवर की समस्या से राहत पाने की दवा कालमेघ का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें हेपटोप्रोटेक्टिव गुण मौजूद होते हैं, जो लिवर को डैमेज होने से बचाते हैं। इसके पत्तों का अर्क लेने से फैटी लिवर की समस्या में आराम मिल सकता है।

4) एलोवेरा - एलोवेरा का सेवन करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसे नैचुरल ब्लड प्यूरीफायर के रूप में जाना जाता है। इसका सेवन करने से लिवर की कार्यक्षमता बढ़ती है और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। इससे फैटी लिवर की समस्या को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है।

5) गिलोय - गिलोय एक प्राकृतिक जड़ी-बूटी मानी जाती है। इसका इस्तेमाल करने से कई गंभीर बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं। इसका सेवन करने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है।

तो जैसा कि आपने जाना कि फैटी लिवर का आयुर्वेदिक मेडिसिन क्या है। ऐसे में इन उपायों का सेवन करने से पहले आप एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें, क्योंकि डॉक्टर आपकी रिपोर्ट्स देखकर बेहतर तरीके से बता सकते हैं कि आपके लिए ये उपाय ठीक हैं या नहीं।

अगर आपको भी फैटी लिवर या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में आकर करवा सकते हैं। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे किडनी को बिना किडनी डायलिसिस के ही ठीक किया जा सकता है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का इलाज कर रहा है।

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