प्रोटीनमेह के इलाज के बारे में जानकारी

शरीर के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी होता है। ये शरीर में कई तरह से काम करता है जैसे कि हड्डियों को मजबूत करना, इंफेक्शन को रोकना आदि लेकिन अगर वही प्रोटीन यूरिन के रास्ते से शरीर से बाहर निकलने लगे, तो सेहत पर बुरा असर डाल सकता है। इस प्रक्रिया को प्रोटीन्यूरिया या प्रोटीनमेह कहा जाता है। इस स्थिति के चलते खून में प्रोटीन की कमी होने लगती है, जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में आज हम आपको प्रोटीनमेह के इलाज के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिसे अपनाकर आप इस समस्या में राहत पा सकते हैं।

प्रोटीनमेह के लक्षण

1) पेट में सूजन आना 

2) भूख में कमी होना 

3) पेशाब में झाग 

4) सांस फूलना

5) पेट में सूजन आना 

प्रोटीनमेह के कारण

1) शरीर में प्रोटीन की कमी होना 

2) डायबिटीज 

3) दिल से जुड़ी बीमारियां

4) बुखान होना 

5) ज्यादा ठंड लगना 

प्रोटीनमेह के इलाज के बारे में जानकारी

1) वजन करें कंट्रोल - अगर आपको भी पेशाब में यूरिन आने की शिकायत है, तो तुरंत ही अपने वजन पर काबू करें। वजन बढ़ने या न कंट्रोल करने से प्रोटीनमेह की दिक्कत होने लगती है। 

2) डाइट में करें बदलाव - अगर आपको प्रोटीनमेह से जूझ रहे हैं और आपको किडनी की बीमारी भी है, तो एक बार डॉक्टर से सलाह करके अपनी डाइट में बदलाव कर लें। 

3) प्रोटीन फ्री डाइट लें - अगर आपको पेशाब में प्रोटीन आना महसूस हो रहा है, तो आप अपनी डाइट से प्रोटीन फूड्स को निकालना शुरू कर दें। खास तौर से जिन लोगों को किडनी की बीमारी है या जिनका क्रिएटिनिन बढ़ा हुआ रहता है, उन्हें प्रोटीन कम से कम लेना चाहिए। ऐसे में आप मूंग की दाल को अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं। 

4) योग करें - वहीं प्रोटीनमेह की समस्या को रोजाना योग और ब्रीथिंग एक्सरसाइज करके भी खत्म किया जा सकता है। इससे आपका ब्लड प्रेशर भी कम होगा, जो कि जरूरी भी है, क्योंकि बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर कोशिकाओं की झिल्ली को खराब कर देता है। 

5) पानी पिएं - जिन लोगों को प्रोटीनमेह की शिकायत रहती है, उन्हें पानी की मात्रा को बढ़ा देना चाहिए। पानी ज्यादा से ज्यादा पीने से आप प्रोटीनमेह की समस्या पर काबू पा सकते हैं। 

तो जैसा कि आपने जाना कि किन आयुर्वेदिक उपचारों से प्रोटीनमेह की समस्या पर काबू पाया जा सकता है। ऐसे में इन्हें अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें। 

अगर आपको भी इस रोग से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी रोगियों का आयुर्वेदिक इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है|

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