पेशाब में झाग और बदबू आना शरीर में होने वाली कई बीमारियों का संकेत हो सकता है। अक्सर लोग इस समस्या को नजरअंदाज कर देते हैं, जो कि गलत है, क्योंकि इसका संबंध किडनी से जुड़ी बीमारियों का लक्षण हो सकता है, लेकिन पेशाब में झाग आने का आयुर्वेदिक उपचार अपनाकर आप इस समस्या से मुक्ति पा सकते हैं।
1) ब्लैडर इंफेक्शन
2) डायबिटीज
3) यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन
4) दिल से जुड़ी बीमारियां
5) शरीर में पानी की कमी होना
6) वैजाइनल इंफेक्शन
1) पेल्विस में तेज दर्द
2) बार-बार पेशाब की इच्छा करना
3) यूटीआई है कारण
4) पेशाब के दौरान जलन
5) पेशाब से बदबू आना
1) ब्लूबेरी का जूस - पेशाब में झाग आने पर आप ब्लूबेरी का जूस पी सकते हैं। इससे आपको बहुत फायदा होगा। इस जूस को पीने से यूरिनरी ट्रै्क्ट इंफेक्शन, ब्लैडर इंफेक्शन, पेशाब से झाग आने की समस्या दूर हो सकती है। इस जूस में मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट्स इंफेक्शन से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं।
2) धनिए का पानी - धनिए का पानी पीने से यूटीआई की समस्या में भी बहुत आराम मिलता है। इसके लिए पानी को अच्छे से उबालें और छानकर पी लें। इस पानी का सेवन करने से आपकी पेशाब में झाग आने की समस्या दूर हो जाएगी।
3) अदरक का पानी - अदरक का कई आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में इ्स्तेमाल किया जाता है। अदरक का पानी पीने के लिए आधा टुकड़ा अदरक को एक कप पानी में डालें। उसके बाद इसे गुनगुना करके चाय की तरह पी लें। इससे आपको ब्लैडर इंफेक्शन, पेशाब से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।
4) पानी पिएं - पेशाब में झाग आने पर कोशिश करें कि खूब पानी पिएं, क्योंकि कई बार डिहाइड्रेशन की वजह से भी फॉमी यूरिन की शिकायत रहने लगती है। ऐसे में अगर आपको भी यूटीआई की समस्या है, तो पूरे दिन में खूब पानी पिएं ताकि आपका दर्द, जलन कम हो सके, क्योंकि पानी शरीर से टॉक्सिन्स निकालने में मदद करता है। इससे इंफेक्शन का कारण बनने वाले माइक्रोऑर्गेनिज्म भी कम हो सकते हैं।
तो जैसा कि आपने जाना कि पेशाब में झाग का आयुर्वेदिक क्या है? ऐसे में इन उपचारों को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
अगर आपको भी इस रोग से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी रोगियों का आयुर्वेदिक इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।
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