पीसीओडी एक सामान्य विकार है जो हार्मोनल असंतुलन और शरीर में अन्य कई विकारों का कारण बन सकती है। ये समस्या आज कल ,महिलाओं में बहुत ही सामान्य स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, पीसीओडी का इलाज पूरी तरह से संभव नहीं है, लेकिन सही उपचार और जीवनशैली में सुधार के माध्यम से इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। आज इस आर्टिकल में हम पीसीओडी के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? इस विषय में बताएँगे साथ ही इसके लक्षणों और कारणों पर भी ध्यान देंगे जिससे आप इस स्थिति पर बहुत जल्द ही आराम पा सकें
मेथी का पानी - मेथी का पानी बहुत ही प्रभावी उपाय होता है ये केवल मासिक धर्म ही नहीं हार्मोनल असंतुलन और वजन घटाने में भी मदद करता है इसमें डाईओसजेनिन (Diosgenin) नाम का पदार्थ पाया जाता है, जो खासकर पीसीओडी जैसी स्थिति में महिला हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है। मेथी का पानी मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और यही नहीं ये शरीर से चर्बी हटाने में भी मदद मिलती है जिससे बढ़ा हुआ वजन कम करने में मदद मिल सकती है जो जो पीसीओडी में आम हो सकती हैं।
दालचीनी - दालचीनी पीसीओडी जैसे विकार में बहुत काम आता है क्योंकि ये पीसीओडीके लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करता है, पीसीओडी में अक्सर इंसुलिन रेजिस्टेंस होता है, जो सामान्य वजन को बढ़ानेऔर हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है। दालचीनी इंसुलिन रेजिस्टेंस को नियंत्रित करने में मदद करता है साथ ही ये मासिक धर्म के अनियमित चक्र को भी नियमित करने में मदद करती है।
अंजीर - अंजीर में बहुत से प्रभावी गुण होते हैं जो बहुत से स्वास्थ्य लाभ दे सकते हैं, इसमें एंटी ओक्सिडेंट, मिनरल्स, फाइबर जैसे बहुत से गुण होते हैं जो पीसीओडी में मदद करते हैं, अंजीर में फाइटोकेमिकल्स (phytoestrogens) पाए जाते हैं, जो महिलाओं में हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में मदद करते हैं। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करता है जिस वजह सेअधिक खाने की आदत कम होती है। जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है
आंवला - आंवला आयुर्वेद में बहुत सी प्रभावी औषधियों में से एक है इसमें बहुत से गुण होते हैं इसके एंटी-ऑक्सीडेंट्स और पोषक तत्व हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। पीसीओडी के कई मामलों में इंसुलिन रेजिस्टेंस पाया जाता है, आंवला में क्रोमियम का अच्छा स्रोत होता है, जो इंसुलिन की प्रभावशीलता को बढ़ाता है साथ ही यह शरीर की इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है, जिससे पीसीओडी जैसी स्थितियों में मदद मिल सकती है।
एलोवेरा का जूस - एलोवीरा एक ऐसा प्राकृतिक उपाय हो सकता है जो बाल, त्वचा और न केवल बहरी तौर से आन्तरिक रूप से ही बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं में मदद करता है, पीसीओडी से प्रभावित महिलाओं को अक्सर त्वचा पर मुँहासे, दाग-धब्बे और अतिरिक्त बालों की समस्या होती है। पर एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो इन सभी समस्यायों से राहत दिलाने में मदद क सकते हैं
हल्दी - हल्दी एक प्राकृतिक और शक्तिशाली औषधि है, जो सभी के घरों में आसानी से मिल सकता है इसमें कुर्कुमिन पाया जाता है, जो हार्मोनल असंतुलन को संतुलित करने में मदद कर सकता है। साथ ही ये त्वचा पर होने वाली समस्या को भी सुधारता है जो पीसीओडी के समय बहुत ही सामान्य परेशानी होती है
इस ब्लॉग में हमने बताया कि पीसीओडी के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? हालांकि, आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और किसी भी उपचार विकल्प को चुनने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें। अगर आप या आपके किसी परिजन को पीसीओडी है और आप आयुर्वेद में पीसीओडी का इलाज ढूंढ़ रहे हैं, तो आप कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक चिकित्सकों से अपना इलाज करवा सकते हैं। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे आपको मधुमेह या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या से छुटकारा मिल सकता है। सेहत से जुड़े ऐसे ही ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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