PCOD यानी कि पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिसऑर्डर एक आम बीमारी है। ये बीमारी ज्यादातर महिलाओं में ही देखने को मिलती है, जिसमें हार्मोनल असंतुलन शामिल है। पीसीओडी की समस्या में मुंहासे और फुंसी, वजन बढ़ना और शरीर पर ज्यादा बाल होने जैसी समस्या दिखने लगती है। इसमें महिलाओं को सिर के बाल झड़ने, सिर पर बाल पतले होने जैसी दिक्कतें होने लगती हैं। लेकिन पीसीओडी का आयुर्वेदिक इलाज करके इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। आइए, जानें -
1) सिर में दर्द होना
2) वजन बढ़ जाना
3) पेड़ू में दर्द
4) बालों का झड़ना
5) मासिक धर्म का अनियमित आना
6) नींद की समस्या बढ़ना
7) मूड स्विंग होना
8) शरीर और चेहरे पर ज्यादा बाल आना
1) पीरियड्स में असंतुलन आना
2) खाने-पीने में लापरवाही करना
3) खराब जीवनशैली
4) पोषक तत्वों से भरपूर खाना न खाना
5) आनुवांशिक कारण
6) सिगरेट और शराब ज्यादा पीना
1) डाइट - पीसीओडी का इलाज करने के लिए आपको अपनी डाइट का ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए आप अपनी डाइट में हरी सब्जियां, गाय के दूध का सेवन करें। इससे आपके शरीर में आयरन और कैल्शियम की कमी पूरी हो जाएगी, जिससे पीसीओडी की समस्या में आराम मिलता है।
2) विरेचन - इस थेरेपी से पित्त दोष को ठीक करने में मदद मिलती है। इसका सेवन करने से छोटी आंत की सफाई होती है और दोषा को हटाने में मदद मिलती है। ये महिलाओं के शरीर के हार्मोन्स का संतुलन बनाए रखने में भी मदद करता है। इससे पीसीओडी की समस्या में आराम मिलता है।
3) वमन - वमन कफ को साफ करने की एक तकनीक है। पीसीओडी में वमन एक तरह की उल्टी प्रक्रिया है, जिसे करने से कफ दोष को संतुलित रखा जा सकता है।
4) मौसमी फलों का सेवन - पीसीओडी की समस्या को कुछ मौसमी फल खाकर ठीक किया जा सकता है। इसके लिए आप गर्मी के मौसम में खरबूजा, तरबूज, लीची आदि मौसमी फलों का सेवन जरूर करें। इससे शरीर में विटामिन-सी की कमी को पूरा किया जा सकता है।
5) योग - योग करने से पीसीओडी की समस्या में बहुत आराम मिलता है। इसके लिए आप योग रूटीन में प्राणायाम, कपालभाति, सूर्य नमस्कार, शवासन को शामिल कर सकते हैं।
तो जैसा कि आपने जाना कि पीसीओडी का आयुर्वेदिक इलाज अपनाकर इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है, लेकिन आप फिर भी इन उपायों को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें।
अगर आपको भी पीसीओडी या उससे जुड़ी किसी भी तरह की समस्या है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में आकर करवा सकते हैं। इसे हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का आयुर्वेदक इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का आयुर्वेदक इलाज कर रहा है।
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