पीसीओएस के लिए आयुर्वेदिक उपचार

महिलाओं को ऑफिस से लेकर घर तक के बीच का बैलेंस बनाए रखना होता है और इन्हीं कामों की वजह से वे खुद की हेल्थ और हेल्थ से जुड़ी परेशानियों पर ध्यान देना भूल जाती हैं। इसी वजह से उन्हें कई तरह की छोटी-बड़ी समस्याएं होने लगती हैं, जिनमें से एक पीसीओएस भी है, जिसे पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम भी कहा जाता है।

बता दें कि पीसीओएस की बीमारी में महिलाओं के प्रजनन काल के दौरान हार्मोन असंतुलित होने लगते हैं। इससे एंड्रोजन का स्तर बढ़ने लगता है जिसके कारण ओवरी में एक से ज्यादा सिस्ट बन जाते हैं, लेकिन पीसीओएस के लिए आयुर्वेदिक उपचार करके इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है।

पीसीओएस के लक्षण

1) सिर में दर्द

2) चेहरे पर मुंहासे

3) पेट में दर्द

4) वजन बढ़ना

5) मासिक धर्म का अनियमित होना

6) बाल झड़ना

पीसीओएस के लिए आयुर्वेदिक उपचार

1) हल्दी - हल्दी में कई तरह के एंटी-ऑक्सिडेंट गुण होते हैं, जो कई तरह की बीमारियों को दूर करने के लिए जाने जाते हैं। इसका इस्तेमाल करने से इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाया जा सकता है, साथ ही प्रजनन प्रणाली को भी बेहतर बनाया जा सकता है। ये पीसीओएस के लक्षणों को दूर करने के लिए जानी जाती है।

2) शिलाजीत - आयुर्वेद में शिलाजीत को भी फायदेमंद जड़ी-बूटी माना जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो इम्यून सिस्ट्म को मजबूत बनाने के साथ-साथ प्रजनन प्रणाली को भी पहले से मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

3) गुडूची - गुडूची को गिलोय के नाम से भी जाना जाता है। पीसीओएस के लक्षणों में इसे बेहद फायदेमंद जड़ी-बूटी माना जाता है। ये न सिर्फ शरीर में ब्लड शुगर को रेगुलेट करने का काम करता है, बल्कि पीसीओएस से पीड़ित होने पर सेक्स के प्रति महिलाओं की खत्म हो रही रुचि में भी फायदा पहुंचाता है।

4) नीम - नीम में कई तरह के औषधीयगुण पाए जाते हैं, जिनमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-डायबिटिक गुण मौजूद होते हैं। इसका सेवन करने से पीसीओएस की समस्या में बहुत आराम मिल सकता है।

तो जैसा कि आपने जाना कि पीसीओएस के लिए आयुर्वेदिक उपचार किस तरह से किया जा सकता है। ऐसे में इसका सेवन करने से पहले आप एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

अगर आपको भी पीसीओएस या उससे जुड़ी किसी भी तरह की समस्या से जूझ रहे हैं, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस का आयुर्वेदिक उपचार या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।

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