किडनी की समस्या आज कल आम बात हो गई है। इसमें सबसे कॉमन प्रॉब्लम पथरी है। इस समस्या के दौरान किडनी में छोटी-बड़ी पथरी बनने लग जाती है, जो कि पेशाब के रास्ते में फंसने लगती हैं, जिससे यूरिन सही से पास नहीं हो पाता है और यूरिन पास करते हुए दर्द बना रहता है, लेकिन पथरी की दवा आयुर्वेदिक भी होती है, जिससे इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है।
पथरी होने से पहले शरीर में कई तरह के लक्षण दिखने लगते हैं। आइए, जानें -
1) बुखार और पसीना आना
2) यूरिन करते हुए दर्द होना
4) पीठ के निचले हिस्से में दर्द
5) पेट में दर्द और ऐंठन होना
6) यूरिन में बदबू आना
7) उल्टी आना
पथरी होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इनमें कुछ मुख्य कारण हैं -
1) डिहाइड्रेशन
2) ज्यादा जंक फूड खाना
3) यूरिन में केमिकल ज्यादा आना
4) ज्यादा विटामिन डी लेना
5) कम मात्रा में पानी पीना
1) इलायची - आप पथरी को ठीक करने के लिए इलायची के साथ खरबूजे की गीरी और मिश्री को पीस लें और एक पानी में उबालकर ठंडा कर लें। ऐसा करने से पथरी को खत्म करने में बहुत मदद मिलती है।
2) तुलसी के पत्ते - किडनी स्टोन को दूर करने के लिए तुलसी भी बहुत मदद करती है। तुलसी के पत्तों में एसिटिक एसिड होता है। ऐसे में इसके पत्तों को रोजाना चबाकर खाने से पथरी टूटकर पेशाब के रास्ते से बाहर निकल सकती है।
3) बेलपत्र - बेलपत्र के पत्तों को पानी के साथ पीस लें और उसमें एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर खाएं। कुछ समय तक ऐसा करने से किडनी की पथरी बाहर निकलने लगेगी।
4) सौंफ - आप सौंफ, मिश्री, सूखे धनिए को बराबर मात्रा में लेकर ठंडे पानी में मिला लें। इस पानी को पीने से पथरी बहुत ही जल्दी यूरिन के रास्ते बाहर निकलने लगेगी।
5) पानी पिएं - अगर आप पथरी को जल्दी से जल्दी बाहर निकालना चाहते हैं, तो पूरे दिन में कम से कम 7-8 गिलास पानी जरूर पिएं। ऐसा करने से पथरी बहुत ही टूटकर यूरिन के जरिए बाहर आ जाएगी।
तो जैसा कि आपने जाना कि पथरी की दवा आयुर्वेदिक भी होती है, लेकिन फिर भी इसे अपनाने से पहले आप एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।
अगर आपको भी पथरी या उससे जुडी किसी और तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे किडनी रोगियों का आयुर्वेदिक इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का आयुर्वेदिक इलाज कर रहा है।
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