हमारे शरीर के सबसे ज़रूरी अंगो में से एक किडनी है जो हमारे शरीर से सभी अवशिष्ट पदार्थ को निकालने में मदद करता है, किडनी में ग्लुमेरुली नामक ब्लड वेसल हैं जो ये सारे मुख्य कार्य करते हैं और बॉडी में सारे मिनरल्स और ज़रुरी पदार्थ को शरीर में रखते हैं इसलिए किडनी का ध्यान रखना हमारे लिए बहुत ज़रुरी है और आज हम आपको एसे ही सिंड्रोम के बारे में बताएँगे जो हमारे किडनी के डैमेज होने के कारण ही होती है जिसे हम नेफ्रोटिक सिंड्रोम कहते हैं। इस सिंड्रोम में किडनी का फ़िल्टरेशन सिस्टम यानि ग्लुमेरुली सही से काम नहीं कर पाता, जिस वजह से हमारे बॉडी का प्रोटीन यूरिन से बाहर निकल जाता है जिस वजह से बॉडी से प्रोटीन का बहुत लोस हो जाता है। जिस वजह से बहुत सी परेशानियाँ शुरू होने होने लगती है। इसलिए आज इस आर्टिकल में आपको नेफ्रोटिक सिंड्रोम के घरेलू उपाय बताएँगे पर उन घरेलू उपायों को अपनाने से पहले इनके लक्षण को जानना बहुत ज़रुरी है।
हल्दी- हल्दी मे एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होते हैं जो इन्फेक्शन को रोकने में मदद करता है जिससे किडनी डैमेज नहीं होती है और किडनी से होने वाली बहुत सी परेशानियाँ भी ठीक हो जाती है इसलिए आप ढूध में हल्दी मिलाकर उसका सेवन कर सकते हैं।
जानकारी- हल्दी का प्रयोग एक उचित मात्रा में ही करें वरना पेट में जलन की संभावनाएं भी आ सकती हैं।
कम नमक खाना- ज़्यादा नमक का सेवन करने से शरीर में सोडियम का लेवल बढ़ जाता है, जिससे सुजन और ब्लड प्रेशर बढने की समस्या बढ़ जाती है, इसलिए हमेशा नमक को एक सटीक मात्रा में ही लेना चाहिए जिससे आप अपने शरीर में हो रहे सुजन को कंट्रोल कर पाएं।
जानकारी- अपने आहार में नमक की मात्रा को बिल्कुल कम ना करें क्योंकि उससे लो ब्लड प्रेशर और कमज़ोरी की समस्या हो सकती है।
लहसुन- लहसुन ब्लड सर्कुलेशन और कोलेस्ट्रॉल को सुधारने में मदद करता है, इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल जैसे प्रॉपर्टीज होते हैं जो किडनी को प्रोटेक्ट करता है।
जानकारी- अच्छे प्रभाव के लिए खाली पेट 2 कच्चे लहसुन को खाएं और यदि आपको कोई समस्या या कोई बुरे लक्षण नज़र आयें इसे अवॉयड करें क्योंकि बहुत से लोगों को लहसुन से एसिडिटी और जलन की समस्या भी होती है।
मेथी दाने- मेथी में एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज़ होते हैं, जो किडनी को डैमेज होने से रोकता हैं, और किडनी के फंक्शन को सुधारते हैं, जिससे किडनी अच्छी तरह से सारे टोक्सिन को निकालने में मदद करता है।
जानकारी- डायबिटीज के मरीजों को इसे प्रयोग में लाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना ज़रुरी है और मेथी दाना का प्रयोग एक उचित मात्रा में ही करें वरना पेट में दर्द और दस्त जेसी परेशानियाँ भी हो सकती है।
ग्रीम टी- ग्रीन टी के बहुत से फायदे होते हैं इसलिए लोगों को अकसर नार्मल टी छोड़ कर ग्रीन टी अपनाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज़ होते हैं, जो किडनी की हेल्प करते हैं और टोक्सिन निकाल कर साफ़ करते हैं
जानकारी- ज़्यादा मात्रा में ग्रीन टी पिने से आपको नींद न आने की समस्या होने लगती है, और भी एसे कारण हैं जिस वजह से डिहाइड्रेशन जैसी परेशानियाँ आती है
निष्कर्ष- आज के आर्टिकल में हमने जाने कुछ आसन और घरेलू उपाय नेफरोटिक सिंड्रोम के बारे में, पर किसी भी उपाय को इस्तमाल या प्रयोग में लाने से पहले इनका समझना ज़रूरी है, इसलिए कोई भी संका होने पर डॉक्टर से ज़रूर सम्पर्क करें और एसे ही हेल्थ रिलेटेड आर्टिकल और ब्लोघ्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल के साथ।
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