नपुंसकता का आयुर्वेदिक इलाज

नपुंसकता यानी कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या का असर आपके रिश्तों पर पड़ता है, क्योंकि अगर किसी भी खराबी के कारण पुरुषों की फर्टिलिटी पर असर पड़ता है, तो इसे नपुंसकता के रूप में ही जाना जाता है। इसमें यौन क्रियाओं के साथ-साथ बच्चों को पैदा करने में भी दिक्कत आती है, लेकिन नपुंसकता का आयुर्वेदिक इलाज करके इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

नपुंसकता के कारण

1) लाइफस्टाइल में बदलाव

2) मानसिक समस्याएं

3) धूम्रपान करना

4) हॉर्मोनल असंतुलन होना

5) दवाएं लेना

6) शराब पीना

नपुंसकता के लक्षण

1) वीर्य की कमी होना

2) स्तनों में बदलाव

3) तनाव और चिंता होना

4) यौन इच्छा में कमी होना

5) इरेक्शन हासिल करने या बनाए रखने में समस्या

नपुंसकता का आयुर्वेदिक इलाज

1) सफेद मूसली - सफेद मूसली को आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी के रूप में जाना जाता है। इसका सेवन करने से पुरुषों को नपुंसकता से राहत मिलने में मदद मिल सकती है। इससे सेक्शुअल इच्छा को बढ़ाने में भी मदद मिलती है। इसमें फाइबर, एल्कॉलाइड्स, सैपोनीन, प्रोटीन, फाइबर होते हैं, जिससे हार्मोनल संतुलन को बढ़ाने में मदद मिलती है।

2) अश्वगंधा - अश्वगंधा का सेवन करने से नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है। ये स्ट्रेस को कम करने के काम आता है। इसमें नाइट्रिक ऑक्साइड मौजूद होता है, जो गुप्तांगो में ब्लड फ्लो को बढ़ाकर सेक्शुअल डिजाइर को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। आप इसके लिए अश्वगंधा के पाउडर का सेवन कर सकते हैं।

3) गोक्षुरा - गोक्षुरा को गोखरू भी कहा जाता है। ये जड़ी-बूटी ल्यूटल हॉर्मोन को सक्रिय करके टेस्टास्टेरान के उत्पादन को बढ़ाने का काम करती है। इससे सेक्स करने की उत्तेजना और इच्छा दोनों बढ़ती हैं।

4) अश्वगंधा - अश्वगंधा का सेवन करने से स्ट्रेस को कम करने में मदद मिलती है। इसमें नाइट्रिक ऑक्साइड मौजूद होता है, जो गुप्तांगो में ब्लड फ्लो को बढ़ाने का काम करके सेक्शुअल डिजाइर को बेहतर बनाता है। आप अश्वगंधा के पाउडर को दूध में मिलाकर उसका सेवन कर सकते हैं।

5) शिलाजीत - ये जड़ी-बूटी हिमालय में पाई जाती है। इसका सेवन करने से सेक्शुअल परफॉर्मेंस को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसमें कोशिकाओं का निर्माण भी होता है।

तो जैसा कि आपने जाना कि नपुंसकता का आयुर्वेदिक इलाज क्या हो सकता है। ऐसे में आप इन उपायों को आजमाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें।

अगर आपको भी नपुंसकता या उससे जुड़ी किसी भी तरह की समस्या से जूझ रहे हैं, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस का आयुर्वेदिक इलाज या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।

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