थायरॉयड कैंसर रोग, कैंसर का गंभीर प्रकार है, जो थायरॉयड ग्रंथि में विकसित होता है। इसमें थायरॉयड की कोशिकाएं अनियंत्रित होकर बढ़ने लगती हैं। इस स्थिति में कोशिकाएं गांठ या ट्यूमर का निर्माण करती हैं और समय के साथ कैंसर में परिवर्तित हो जाती हैं। आमतौर पर कई जोखिम कारक थायरॉयड कैंसर का कारण बन सकते हैं। कई बार देर से उपचार करने या अनुपचारित रहने पर कैंसर का यह प्रकार गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। हालांकि, कुछ उपचार विकल्पों से थायरॉयड कैंसर का प्रभावी इलाज संभव है। इस ब्लॉग में आप जानेंगे कि थायरॉयड कैंसर रोग होने पर क्या नहीं खाना चाहिए?
थायरॉयड कैंसर के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते हैं। इसके कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
कई कारण और जोखिम कारक थायरॉयड कैंसर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे ही कुछ कारण नीचे दिए गए हैं:
थायरॉयड कैंसर रोग को मुख्य रूप से चार प्रकारों में विभाजित किया गया है, जिनमें शामिल हैं:
निम्नलिखित उपचार विकल्पों से थायरॉयड कैंसर रोग का प्राकृतिक इलाज किया जा सकता है:
हल्दी- हल्दी में कर्क्यूमिन होता है, जिससे सूजन को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही हल्की का सेवन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करता है।
आंवला- यह विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट्स में उच्च होता है। इससे इम्यून सिस्टम को मजबूती और कैंसर कोशिकाओं की रोकथाम में मदद मिलती है।
नीम- नीम में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह शरीर को डिटॉक्स करते हैं और थायरॉयड कैंसर के लक्षणों को कम कर सकते हैं।
तुलसी- तुलसी में मौजूद औषधीय गुण इम्यूनिट सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। साथ ही इससे शरीर में कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने जैसे लाभ प्राप्त होते हैं।
गिलोय- गिलोय इम्यून बूस्टिंग गुणों का सबसे बेहतरीन स्रोत है। इसके सेवन से इम्यून सिस्टम उत्तेजित होते हैं और सूजन कम हो सकती है।
त्रिफला- यह आंवला, हरड़ और बहेड़ा से बना मिश्रण है, जो शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालता है। साथ ही इससे थायरॉयड कैंसर के लक्षणों से राहत मिल सकती है।
अश्वगंधा- यह कई विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से समृद्ध होती है। यह पोषक तत्व तनाव को कम और सूजन को नियंत्रित करते हैं। साथ ही इससे ऊर्जा को बढ़ावा मिलता है, जिससे कैंसर का प्राकृतिक इलाज किया जा सकता है।
थायरॉयड कैंसर के मरीज आहार में कई विकल्पों को शामिल कर सकते हैं, जैसे:
प्रोटीन से भरपूर आहार- इससे मांसपेशियां मजबूती होती हैं और शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है।
विटामिन्स और मिनरल्स- यह शरीर के उत्तकों को स्वस्थ रखते हैं और इम्यूनिटी को बढ़ावा देते हैं।
आयरनयुक्त आहार- इससे शरीर में खून की कमी दूर होती है और ऊर्जा का स्तर बनाए रखने में मदद मिलती है।
फाइबरयुक्त आहार- इससे पाचन तंत्र में सुधार होता है और शरीर से टॉक्सिंस बाहर निकलते हैं।
हल्का और संतुलित भोजन- इससे पाचन क्रिया आसान होती है और शरीर ऊर्जावान बने रहता है।
प्रसंस्कृत और तला- भुना भोजन- इससे शरीर में सूजन और कैंसर कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा मिल सकता है।
शर्करायुक्त और मीठे खाद्य पदार्थ- यह रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ा सकते हैं, जिससे कैंसर कोशिकाएं बढ़ सकती हैं।
अधिक नमक का सेवन- यह उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है, जिससे कैंसर के इलाज में बाधा आ सकती है।
शराब और तंबाकु- यह दोनों ही कारक इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाते हैं, जिससे कैंसर के लक्षण गंभीर हो सकते हैं।
उच्च वसा वाले आहार- इससे शरीर में सूजन बढ़ सकती है, जिससे कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।
अगर आप भी जानना चाहते हैं कि थायरॉयड कैंसर रोग होने पर क्या नहीं खाना चाहिए?, तो यह ब्लॉग आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और कोई भी उपचार चुनने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। साथ ही अगर आप या आपके कोई परिजन थायरॉयड कैंसर या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं और आप आयुर्वेद में कैंसर रोग का इलाज ढूंढ़ रहे हैं, तो आप कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर्स से इलाज करवा सकते हैं। सेहत से जुड़े ऐसे ही ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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