ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस किडनी रोग के घरेलू उपाय

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस एक किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी है। इसमें मरीज की किडनी के अंदर की छोटी रक्त वाहिकाएं यानी ग्लोमेरुली में सूजन आ जाती है, जिसका प्रभाव उनके कार्य पर होता है। इसका नतीजा यह होता है कि उनकी किडनी का फिल्ट्रेशन सिस्टम ठीक से काम नहीं करता। किडनी फंक्शन में खराबी के कारण टॉक्सिंस शरीर में ही रह जाते हैं और ज्यादा पानी जमा हो सकता है। कई बार इस समस्या का समय पर उपचार नहीं किया जाता, जिससे स्थिति ज्यादा गंभीर हो जाती है। ऐसे में आपके लिए ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस किडनी रोग के घरेलू उपाय जानना जरूरी है। इन उपायों से आपको ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के लक्षणों को नियंत्रित करने और किडनी का स्वास्थ्य रखने में मदद मिल सकती है।

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के प्रकार

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के दो प्रमुख प्रकार हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

एक्यूट ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस: अचानक होने वाले ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के इस प्रकार को उपचार से ठीक किया जा सकता है।

क्रोनिक ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस: इस बीमारी में किडनी समय के साथ धीरे-धीरे डैमेज होती है।

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के लिए घरेलू उपचार

आमतौर पर यह बीमारी हाई ब्लड प्रेशर, इंफेक्शन या ऑटोइम्यून समस्याओं से संबंधित हो सकती है। हालांकि, कुछ घरेलू उपाय भी ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के लक्षणों को नियंत्रित करने और किडनी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में फायदेमंद हो सकते हैं।

पानी का पर्याप्त सेवन- पर्याप्त मात्रा में पानी पीना किडनी और आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इससे शरीर को हाइड्रेटेड रखने, सूजन कम करने, टॉक्सिंस को बाहर निकालने, किडनी की सेहत को सुधारने और ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के लक्षणों को कम करने में फायदेमंद है।

सेब का सिरका- सेब के सिरके में पोटैशियम होता है, जिससे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है। हाई ब्लड प्रेशर से ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस की समस्या बढ़ सकती है। ऐसे में सेब के सिरके का सेवन ब्लड प्रेशर और ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस की समस्या को नियंत्रित कर सकता है। हालांकि, इसके ज्यादा से एसिडिटी हो सकती है, इसलिए ग्लोमेरुलोनेफ्राइचिस के मरीजों को इसका उचित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।

अनार- अनार में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह आपकी किडनी के फंक्शन को बेहतर बनाते हैं, जिससे ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के लक्षण भी कम होते हैं। साथ ही इसका सेवन किडनी की सूजन को कम कम करने और शरीर में खून की कमी को दूर करने में भी फायदेमंद हो सकता है।

अलसी के बीज- अलसी के बीज ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस किडनी रोग के घरेलू उपाय का सबसे अच्छा विकल्प हो सकते हैं। इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा मौजूद होती है। यह किडनी की सूजन को कम करते हैं और किडनी की कार्यक्षमता को बेहतर बनाते हैं, जिससे ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस की समस्या में भी सुधार होता है। इसके अलावा अलसी के बीज नेचुरल ड्यूरेटिक हैं, जिससे शरीर से टॉक्सिंस बाहर निकलते हैं। साथ ही इनसे आपका कॉलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है।

आंवला- आंवला विटामिन-सी, फ्लेवोनॉयड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स का सबसे अच्छा स्रोत है। यह किडनी की कोशिकाओं को मजबूती मिलती है, जो शरीर में सूजन को कम और किडनी को डिटॉक्स करता है। इस प्रकार यह आपकी किडनी और समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।

गिलोय- गिलोय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण किडनी के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं। साथ ही इससे शरीर में मौजूद टॉक्सिंस को बाहर निकालने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। इससे आपकी किडनी लंबे समय तक स्वस्थ रहती है।

तुलसी के पत्ते- तुलसी के पत्ते के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन को कम करने और किडनी फंक्शन को बेहतर बनाने में फायदेमंद हो सकते हैं। साथ ही तुलसी के पत्ते विटामिन-सी, एंटीऑक्सीडेंट्स और ड्यूरेटिक्स से भरपूर होते हैं, जो किडनी के काम करने की क्षमता को बढ़ावा देते हैं। साथ ही इससे किडनी साफ होती है और शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।

अदरक- अदरक में जिंजरोल यौगिक होता है, जो सूजन कम करने के लिए फायदेमंद हो सकता है। साथ ही अदरक में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीबायोटिक, एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह दर्द को कम करते हैं और किडनी के कार्य को बेहतर बनाते हैं, जिससे ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के लक्षणों को भी नियंत्रित किया जा सकता है।

नीम के पत्ते- नीम में एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह सूजन और इंफेक्शन को कम करते हैं, जिससे किडनी को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है।

हल्दी- हल्दी में कर्क्यूमिन होता है, जो ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के कारण होने वाली सूजन को कम करता है। इससे आपको किडनी को स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद मिलती है।

  • ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस से संबंधित जरूरी सावधानियां
  • नमक का सीमित सेवन कम करें।
  • तनाव और चिंता से बचें।
  • प्रोटीन के सेवन को नियंत्रित करें।
  • जीवनशैली में सुधार करें।
  • ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल पर नियंत्रण।

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस किडनी रोग के घरेलू उपाय से संबंधित जानकारी प्रदान की। लेकिन, आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें। ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस किडनी की एक गंभीर बीमारी है और कोई भी उपचार विकल्प चुनने से पहले आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कई बार देर से या गलत उपचार विकल्प से समस्या बढ़ सकती है। इसलिए, अगर आपको या आपके किसी परिजन को ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस किडनी रोग या कोई अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तो आप कर्मा आयुर्वेदा क्लीनिक में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक चिकित्सकों से इलाज करवा सकते हैं। सेहत से जुड़े ऐसे ही ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।

Location:

Second Floor, 77, Block C, Tarun Enclave, Pitampura, New Delhi, Delhi, 110034