आमतौर पर बढ़ती उम्र के साथ हमारी हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, जिससे जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या होने लगती है। जोड़ों में होने वाली इन समस्याओं को गठिया यानी अर्थराइटिस कहते हैं। यह एक आम समस्या है, जो किसी भी उम्र में हो सकती है। लेकिन गठिया के कुछ घरेलू उपाय हैं, जिससे जोड़ों में होने वाले दर्द और सूजन को कम किया जा सकता है।
गठिया के लक्षण व्यक्ति की स्थिति और गठिया के प्रकार के आधार पर अलग हो सकते हैं, लेकिन इसके कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
गठिया के कारण भी अलग हो सकते हैं, जिनमें खासतौर से शामिल हैं:
गठिया के कई प्रकार हैं, जैसे:
कई विकल्पों को गठिया के घरेलू उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे ही कुछ विकल्प इस प्रकार हैं:
अदरक और हल्दी दोनों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इससे आपको जोड़ों की सूजन कम करने में मदद मिल सकती है। आप अदरक का पेस्ट बनाकर और हल्दी को दूध में मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं।
एप्सम सॉल्ट यानी मैग्निशियम सल्फेट से सूजन और दर्द में राहत मिलती है। इसके लिए गुनगुने पानी में 1 कप एप्सम सॉल्ट डालें और उसमें 20-30 मिनट तक अपने प्रभावित जोड़ों को डालकर आराम करें।
कोल्ड एंड हीट थेरेपी से गठिया के दर्द को कम किया जा सकता है। ऐसा प्रभावित प्रभावित हिस्से पर करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने और मांसपेशियों को आराम देने के साथ-साथ सूजन या दर्द को कम करने में राहत मिल सकती है।
जैतून के तेल में ऑलिक एसिड और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। अगर आप प्रभावित हिस्से पर जैतून के तेल की मालिश करते हैं, तो इससे गठिया के दर्द और सूजन को कम किया जा सकता है।
सेंधा नमक में मिनरल्स होते हैं, जो सूजन और दर्द की समस्या में राहत दे सकते हैं।
नीम के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसका पेस्ट बनाकर प्रभावित हिस्से से पर लगाने से दर्द और सूजन से छुटकारा मिल सकता है।
लहसुन में सल्फर कंपाउंड होते हैं, जो सूजन को कम करते हैं और जोड़ों के दर्द में राहत देते हैं। आप सुबह खाली पेट 2-3 कच्चे लहसुन की कलियां या इसे तेल में भूनकर भी खा सकते हैं।
अलसी के बीज, चिया सीड्स और साल्मन या ट्यूना जैसी मछली में ऑमेगा-3 फैटी होता है। इसे गठिया के दर्द को कम में बहुत फायदेमंद माना जाता है। रोजाना 1-2 चम्मच अलसी के बीज का पाउडर को अपनी डाइट में शामिल जरूर करें।
तुलसी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण से भरपूर होती है। रोजाना तुलसी के 5-6 पत्ते चबाकर खाने या इसके पत्तों को पानी में उबालकर पीने से गठिया के दर्द में राहत मिलती है।
ज्यादा वजन से आपको जोड़ों पर दबाव डल सकता है, जिससे गठिया के लक्षण बढ़ सकते हैं। ऐसे में स्वस्थ वजन बनाए रखने से जोड़ों पर दबाव कम होता है और गठिया के लक्षणों में सुधार होता है।
आज के इस आर्टिकल में हमने गठिया के घरेलू उपाय के बारे में बताया, लेकिन आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें। गठिया की समस्या होने पर डॉक्टर से सम्पर्क ज़रूर करें और यदि आप या आपके अपनों को स्वास्थ्य से जुडी कोई समस्या है तो आप भी कर्मा आयुर्वेदा क्लीनिक में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक चिकित्सक से अपना इलाज करवा सकते हैं और ऐसे ही हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक अस्पताल (कर्मा आयुर्वेदा) के साथ।
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