क्रिएटिनिन बढ़ने पर क्या खाना चाहिए

क्रिएटिनिन ब्लड में बनने वाला अपशिष्ट पदार्थ या वेस्ट प्रोडक्ट कहलाता है। क्रिएटिनिन यूरिन के माध्यम से ही बाहर निकलता है। क्रिएटिनिन का घटता और बढ़ता हुआ लेवल यही बताता है कि किडनी ठीक ढंग से काम कर रही है या नहीं। ऐसे में कई बार शरीर में  क्रिएटिनिन की मात्रा ज्यादा हो जाती है, जिसे कम करने के लिए कुछ चीजों को डाइट में शामिल करना जरूरी होता है। तो आइए जानते हैं कि क्रिएटिनिन बढ़ने पर क्या खाना चाहिए

क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण

1) मतली और उल्टी होना 

2) हार्ट रेट अनियमित होना 

3) थकान होना 

4) मांसपेशियों में दर्द 

5) सांस लेने में तकलीफ

क्रिएटिनिन बढ़ने के कारण

1) यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन 

2) हाई ब्लड प्रेशर 

3) डायबिटीज

क्रिएटिनिन बढ़ने पर क्या खाना चाहिए

1) गोभी - गोभी में एंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं। इसके साथ ही इसमें विटामिन-सी और फोलेट भी होता है। इसका सेवन करने से क्रिएटिनिन लेवल को कम किया जा सकता है।

2) प्याज - प्याज में सोडियम फ्री फ्लेवर होता है यानी कि उसमें नमक नहीं होता, बल्कि विटामिन-सी, बी, मैंगनीज और प्रोबायोटिक्स होते हैं। इसी वजह से इसके डाइजेस्टिव टिश्यू भी कम हो जाते हैं। ये किडनी के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है।

3) लहसुन - लहसुन में एंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो मूत्रवर्धक के रूप में काम करते हैं। ये शरीर से जहरीले कचरे को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इसके साथ ही ये ब्लड के लेवल को भी कम करने में मदद कर सकते हैं।

4) बैंगन - बैंगन में कई तरह के एंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं। इसमें सोडियम और पोटेशियम भी पाया जाता है, जिससे इलेक्ट्रोलाइट लेवल को मेंटेन करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही इसमें फाइबर होता है, जिससे क्रिएटिनिन लेवल को कम किया जा सकता है।

5) अनानास - अनानास में फाइबर की अच्छी खासी मात्रा होती है और पोटेशियम की मात्रा बहुत कम होती है। इसमें विटामिन-सी के साथ-साथ ब्रोमेलिन भी होता है। इसे खाने या इसका जूस पीने से क्रिएटिनिन लेवल को कम किया जा सकता है। 

तो जैसा कि आपने जाना कि क्रिएटिनिन बढ़ने पर क्या नहीं खाना चाहिए? ऐसे में अगर आपका क्रिएटिनिन लेवल भी बढ़ रहा है, तो ऐसे में इन चीजों को खाने से परहेज करें।

अगर आपको भी क्रिएटिनिन या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से अन्य कई बीमारी के और किडनी रोगियों का आयुर्वेदक इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का आयुर्वेदक इलाज कर रहा है।

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