किडनी में स्टोन होना एक आम बात है। ऐसा दुनिया में अधिकतर लोगों के साथ होता है। किडनी में पथरी होने पर पेट में बहुत तेज दर्द और ब्लीडिंग की समस्या महसूस होती है। किडनी स्टोन का आकार रेत के कण से लेकर गोल्फ की बॉल जितना बड़ा भी हो सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर किडनी स्टोन होने का मुख्य कारण क्या होता है?
1) उल्टी और बुखार
2) यूरिन के रंग में बदलाव होना
4) यूरिन ट्रैक में इंफेक्शन होना
5) यूरिन पास करते समय दर्द
1) ज्यादा प्रोटीन का सेवन - प्रोटीन का ज्यादा मात्रा में सेवन करने यानी कि लाल मास, अंडे, शेलफिश खाने से या तो न सिर्फ बॉडी में यूरिक एसिड बढ़ने लगेगा, बल्कि किडनी स्टोन की शिकायत भी रहने लगेगी।
2) कम पानी पीना - अगर आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, तो आपको यूरिन कम आने की शिकायत रहने लगेगी और जब आप पानी कम पिएंगे, तो आपको किडनी में स्टोन की शिकायत रहने लगेगी।
3) वजन का बढ़ना - कई बार वजन बढ़ने पर काबू नहीं हो पाता है। ऐसे में जरूरी है कि वक्त रहते वजन को कंट्रोल किए जाए, क्योंकि वजन बढ़ना भी किडनी स्टोन का ही एक कारण होता है।
4) यूरिक एसिड का बढ़ना - यूरिक एसिड नेफ्रोलियथियासिस भी एक प्रकार के किडनी स्टोन का ही एक कारण है। ये तब होता है जब किडनी में यूरिक एसिड के क्रिस्टल बनने लगते हैं।
तो जैसा कि आपने जाना कि किडनी में पथरी होने का मुख्य कारण क्या होता है? ऐसे में अगर आपको भी ये कारण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह करें, क्योंकि वो आपको बेहतर तरीके से बता पाएंगे कि आपके लिए बेहतर उपचार क्या हो सकता है।
अगर आपको भी किडनी स्टोन या किडनी से जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी और अन्य कई बीमारी के रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी रोगियों का आयुर्वेदक इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का इलाज कर रहा है।
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