किडनी की बीमारी आजकल तेजी से बढ़ती जा रही है। इसकी चपेट में बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी आने लगे हैं। ऐसे में किडनी ठीक करने के लिए तुरंत दवाइयां ले ली जाती हैं, जिन्हें हमारी किडनी को ही फिल्टर करना पड़ता है, लेकिन किडनी रोग के 5 आयुर्वेदिक उपचार आपको इस बीमारी से बचा सकते हैं।
1) गोक्षुरा - आयुर्वेद में गोक्षुरा को काफी लाभदायक माना जाता है। गोक्षुरा को गोखरू भी कहा जाता है। इसके चूर्ण में यूरिक, एसिड, क्रिएटिनिन, किडनी स्टोन जैसी समस्याओं को कम करने के गुण मौजूद होते हैं, जो किडनी रोग के खतरे को कम कर सकते हैं। गोक्षुरा को किडनी रोग की आयुर्वेदिक दवा कहा जा सकता है।
2) पुनर्नवा - पुनर्नवा को किडनी रोग की आयुर्वेदिक औषधि के रूप में जाना जाता है। इसका इस्तेमाल करने से किडनी से जुड़ी बीमारियों को खत्म किया जा सकता है। पुनर्नवा में डाइयूरेटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो किडनी रोग में बहुत फायदा पहुंचाती है।
3) गिलोय - गिलोय को आयुर्वेद में सबसे प्रभावशाली जड़ी-बूटी माना जाता है। गिलोय बुखार, डेंगू, गठिया जैसी बीमारियों में काफी फायदेमंद है। किडनी से जुड़ी बीमारियों का इलाज करने में गिलोय को बहुत लाभदायक माना जाता है। गिलोय को किडनी रोग का आयुर्वेदिक उपचार माना जा सकता है।
4) वरुण - वरुण जड़ी-बूटी का आयुर्वेद में बहुत इस्तेमाल किया जाता है. वरुण का पाउडर लेने से किडनी रोग में बहुत फायदा हो सकता है। इसका सेवन करने से किडनी स्टोन को निकालने और इसके खतरे को कम करने के लिए वरुण काफी लाभदायक है। इसे किडनी रोग का आयुर्वेदिक इलाज कहा जा सकता है।
5) कासनी - कासनी के पौधे में आयुर्वेदिक गुण मौजूद होते हैं। इसकी पत्तियां लेने से किडनी, डायबिटीज, लिवर, बवासीर जैसी बीमारियों में बहुत आराम मिल सकता है। किडनी का उपचार करने के लिए रोजाना कासनी की पत्तियां चबानी चाहिए।
तो जैसा कि आपने जाना कि किडनी रोग की आयुर्वेदिक दवा कौन-सी है। ऐसे में इन उपचारों को अपनाने से पहले आप एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें, क्योंकि डॉक्टर आपको बेहतर तरीके बता पाएंगे कि आपके लिए ये उपचार ठीक हैं या नहीं।
अगर आपको भी एक्यूट किडनी रोग या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां कई सालों से किडनी रोग का आयुर्वेदिक इलाज किया जा रहा है। कर्मा आयुर्वेदा को अब डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे किडनी को बिना डायलिसिस के ही ठीक किया जा सकता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस का आयुर्वेदिक इलाज या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक इलाज कर रहा है।
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