किडनी डायलिसिस एक चिकित्सीय उपचार प्रक्रिया है। जब आपको किडनी से जुड़ी कोई बीमारी होती है या किडनी पूरी तरह से काम करना बंद कर देती है, तो डायलिसिस के ज़रिए आपको रक्त से अपशिष्ट पदार्थ और अतिरिक्त तरल निकालने में मदद मिल सकती है। डायलिसिस, शारीरिक कार्यों को सुचारू रखने का अच्छा तरीका है, लेकिन यह किडनी की बीमारी का स्थायी इलाज नहीं हो सकता। इसके अलावा डॉक्टर के परामर्श से किडनी के मरीज हफ्ते में कई बार डायलिसिस करवा सकते हैं। हालांकि, इसे कितनी बार करवाना है, यह किडनी समस्या की गंभीरता पर निर्भर करता है। ऐसे में आपको किडनी डायलिसिस से बचने के घरेलू उपाय जरूर जानने चाहिए।
किडनी की कार्यप्रणाली में नुकसान होने पर आपको डायलिसिस की जरूरत होती है। किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
आमतौर पर आपको किडनी की कार्यक्षमता 10 प्रतिशत कम होने पर डायलिसिस की जरूरत होती है।
अगर किडनी डायलिसिस के प्रकारों की बात करें, तो इसके दो मुख्य प्रकार हैं:
स्वस्थ आहार खाएं- किडनी डायलिसिस से बचने का सबसे अच्छा तरीका स्वस्थ आहार खाना है। इसमें आप आहार पोषण से भरपूर कई विकल्पों को शामिल कर सकते हैं, जैसे- फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन।
नमक का सीमित सेवन करें- किडनी डायलिसिस से बचाव का सबसे अच्छा विकल्प नमक के सेवन को सीमित करना है। ऐसा इसिलए है, क्योंकि ज्यादा नमक खाने से आपकी किडनी पर दबाव डलता है। अगर किडनी पहले से कमजोर है, तो इससे स्थिति ज्यादा गंभीर हो सकती है।
प्रोसेस्ड और पैकेट वाले खाद्य पदार्थों से परहेज- किडनी डायलिसिस से बचने के लिए चिकित्सकों द्वारा प्रोसेस्ड और पैकेट वाले खाद्य पदार्थों से परहेज की सलाह दी जाती है। इनमें नमक, चीनी और कृत्रिम पदार्थ शामिल होते हैं, जिससे स्थिति गंभीर हो सकती है और आपको किडनी डायलिसिस की जरूरत पड़ सकती है।
नियमित योग और व्यायाम करें- योग और व्यायाम किडनी डायलिसिस से बचने का अन्य प्रभावी तरीका है। नियमित योग और व्यायाम से आपको रक्तचाप को नियंत्रित करने, स्वस्थ वजन बनाए रखने और किडनी के साथ-साथ स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। इसके लिए आप योग, पैदल चलने, साइकिल चलाने, दौड़ने या स्विमिंग जैसी हल्की एक्सरसाइज कर सकते हैं।
डायबिटीज और उच्च रक्तचाप का नियंत्रण- डायबिटीज और उच्च रक्तचाप, किडनी फेल्योर का प्रमुख जोखिम कारक हो सकते हैं। ऐसे में किडनी की कार्यप्रणाली को सुचारू रखने और डायलिसिस से बचने के लिए इन स्थितियों को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है।
शराब और धुम्रपान से बचें- धुम्रपान आपके रक्तप्रवाह में रुकावट डालता है। इससे आपकी किडनी की रक्त वाहिकाओं पर दबाव बढ़ता है और किडनी की कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है। कई बार यह स्थिति किडनी से जुड़ी गंभीर समस्याओं का कारण बनती है और आपको किडनी डायलिसिस की जरूरत पड़ती है। हालांकि, शराब और धुम्रपान से परहेज या इसे सीमित करके आप किडनी डायलिसिस से बच सकते हैं।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं- अत्यधिक पानी का सेवन किडनी और आपके समग्र स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है। इससे किडनी को डिटॉक्स करने और शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालने में मदद मिलती है। हालांकि, अगर आपको पहले से किडनी संबंधी कोई समस्या है, तो आपको उचित मात्रा में ही पानी पीना चाहिए।
इस ब्लॉग में बताए गए किडनी डायलिसिस से बचने के घरेलू उपाय आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। इससे आप किडनी की सेहत को बनाए रख सकते हैं और किडनी डायलिसिस से बच सकते हैं। लेकिन, आप केवल इन उपायों पर निर्भर न रहें और कोई भी घरेलू उपाय चुनने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें। अगर आप या आपके किसी परिजन को किडनी से संबंधित कोई समस्या है और आपको किडनी डायलिसिस की सलाह दी गई है, तो आप कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक चिकित्सकों से अपना इलाज करवा सकते हैं। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे आपको किडनी डायलिसिस या स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी समस्या से छुटकारा मिल सकता है। सेहत से जुड़े ऐसे ही ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेदा के साथ।
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