किडनी डायलिसिस से बचने का तरीका

किडनी शरीर का जरूरी अंग मानी जाती है, लेकिन एक बार किडनी में किसी तरह की खराबी आ जाए या किडनी से जुड़ी कोई बीमारी हो जाए, तो सबसे पहले डायलिसिस के लिए बोल दिया जाता है, जो कि एक दर्दनाक प्रक्रिया होती है। ऐसे में किडनी पेशेंट को किडनी खराब होने पर डायलिसिस की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, लेकिन अगर आप सोच रहे हैं कि कैसे किडनी पेशंट किडनी खराब होने पर Dialysis प्रक्रिया से बच सकता है ? तो चलिए अभी बता देते हैं।

डायलिसिस करवाने के नुकसान

1) मांसपेशियों में ऐंठन - डायलिसिस करवाने के दौरान बॉडी से बहुत ज्यादा फ्लुइड निकाला जाता है। ऐसा करने से मांसपेशियों में बहुत ज्यादा ऐंठन और दर्द होने लगता है।

2) लो ब्लड प्रेशर - डायलिसिस करवाने से ब्लड प्रेशर कम होने लगता है। ऐसा तब होता है जब ट्रीटमेंट के दौरान ब्लड से बहुत ज्यादा फ्लुइड बाहर निकाला जाता है। इससे नॉशिया और चक्कर आना भी महसूस हो सकता है।

3) इंफेक्शन - डायलिसिस के दौरान बुखार, नॉशिया, उल्टी, पेट में दर्द जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इससे शरीर में इंफेक्शन भी फैलने लगता है।

किडनी डायलिसिस से बचने का तरीका

1) नमक कम खाएं - अगर आप किडनी के मरीज हैं और डायलिसिस की प्रक्रिया से बचना चाहते हैं, तो नमक को कम से कम अपनी डाइट में शामिल करें। खासतौर से डिब्बाबंद और होटल के खाने में नमक ज्यादा रहता है। ऐसे में इन्हें अपनी डाइट में कम से कम शामिल करें।

2) पानी पिएं - रोजाना कम से कम सही मात्रा में पर्याप्त पानी पीने से किडनी को सोडियम साफ करने में बहुत मदद मिलती है। इससे यूरिया और विषैले पदार्थ भी बाहर निकलने लगते हैं। पानी पीने से आप डायलिसिस की प्रक्रिया से बच सकते हैं।

3) धूम्रपान न करें - धूम्रपान या स्मोकिंग करने से किडनी को नुकसान पहुंचता है, क्योंकि इससे ब्लड का फ्लो कम होने लगता है और साथ ही किडनी में कैंसर बनने का खतरा भी कम होता है। धूम्रपान न करने से आप कई तरह के कैंसर से बच सकते हैं और साथ ही कई तरह के कैंसर से भी बच सकते हैं।

4) एक्सरसाइज करें - एक्सरसाइज या योग दोनों ही शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं। इसे करने से न सिर्फ किडनी को हेल्दी रखकर डायलिसिस से बचा जा सकता है, बल्कि दिल से जुड़ी बीमारियों से भी बचा जा सकता है।

तो जैसा कि आपने जाना किडनी डायलिसिस से बचने का तरीका । ऐसे में अगर आप भी डायलिसिस पर हैं, तो इन उपायों को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह कर लें।

अगर आपको भी किडनी रोगी हैं और आपको डायलिसिस के लिए बोल दिया गया है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं, जहां साल 1937 से किडनी का आयुर्वेदिक इलाज किया जा रहा है। कर्मा आयुर्वेदा को अब डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे किडनी को बिना किडनी क्रिएटिनिन का आयुर्वेदिक इलाज के ही ठीक किया जा सकता है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक इलाज कर रहा है।

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