एल्ब्यूमिन ब्लड में मौजूद प्रोटीन होता है। यूरिया और क्रिएटिनिन जैसे पदार्थ ब्लड की सफाई के दौरान बॉडी से बाहर निकाल दिए जाते हैं, लेकिन एल्ब्यूमिन नहीं निकाला जा सकता है। वैसे बता दें कि एल्ब्यूमिन लिवर में बनने वाला प्रोटीन है, जो ब्लडस्ट्रीम के जरिए पूरे शरीर में जाता है। इसका काम ब्लड वेसल्स में ब्लड को बैलेंस रखना और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने का काम है। अगर यूरिन में एल्ब्यूमिन आ जाए, तो ये किडनी की बीमारी का संकेत देता है, लेकिन परेशान होने वाली बात नहीं है, क्योंकि एल्ब्यूमिन इन यूरिन आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट की मदद से आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं -
1) थकान होना
2) ब्लड में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ना
3) पेशाब में झाग और बुलबुले आना
4) सांस लेने में दिक्कत
5) मसल्स में दर्द होना
1) किडनी फेलियर
2) डायबिटीज
3) हाई ब्लड प्रेशर
यूरिन में एल्ब्यूमिन आना किडनी बीमारी का संकेत होता है। ऐसे में यूरिन में एल्ब्यूमिन के घरेलू उपचार से इस पर काबू पाया जा सकता है।
1) करें व्यायाम - व्यायाम न सिर्फ आपको शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ रखता है। ऐसे में जरूरी है कि आप व्यायाम रोज करें, क्योंकि इसे करने से यूरिन में एल्ब्यूमिन आने की शिकायत हो सकती है। इसके साथ ही योग को रूटीन में शामिल करने से आप फिट भी रहेंगे।
2) नमक कम लें - ज्यादा नमक हेल्थ को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। ज्यादा नमक खाने से यूरिन में एल्ब्यूमिन रिलीज होने की शिकायत हो सकती है। वैसे भी शरीर के लिए ज्यादा सोडियम यानी कि नमक अच्छा नहीं होता है।
3) पौष्टिक आहार - बैलेंस्ड डाइट अच्छी रहने से हेल्थ भी अच्छी बनी रहती है, लेकिन बदलते खान-पान के चलते कई तरह की समस्याएं हो रही हैं। ऐसे में जरूरी है कि अच्छा और हेल्दी फूड खाएं, क्योंकि पौष्टिक आहार लेने से यूरिन में एल्ब्यूमिन की शिकायत आना कम हो सकता है।
तो जैसा कि आपने जाना कि एल्ब्यूमिन इन यूरिन आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट क्या है? ऐसे में इन उपचारों को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें।
अगर आपको भी इस रोग से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी रोगियों का आयुर्वेदिक इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।
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