एक्जिमा एक ऐसा रोग है, जो शरीर के किसी भी स्थान पर हो सकता है। इसमें शरीर पर बहुत ज्यादा खुजली होने लगती है और कभी-कभी तो शरीर से खून भी निकल आता है। ऐसे में आज हम आपको एक्जिमा की आयुर्वेदिक दवा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे उपचार करके आपको आराम मिल सकता है।
1) चिड़चिड़ापन
2) खुजली होना
3) खुजली होने पर खून निकलना
4) स्किन पर जलन होना
1) बैक्टीरियल इंफेक्शन
2) एलर्जी
3) तनाव
4) हार्मोन में उतार-चढ़ाव
आप एक्जिमा का आयुर्वेदिक इलाज करके इस समस्या में राहत पा सकते हैं -
1) शहद - शहद में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। शहद को खुलजी वाली जगह पर लगाकर छोड़ दें। इसके बाद ठंडे पानी से धो लें। इससे आपको बहुत आराम मिलेगा।
2) नारियल तेल - अगर आपको भी एक्जिमा है, तो नारियल के तेल को प्रभावित जगह पर लगा लें। इससे आपको खुजली और लालिमा से राहत मिल सकती है। आप नारियल तेल में कपूर को मिलाकर अच्छे से लगाएं। इससे आपको आराम मिलने लगेगा।
3) तुलसी - तुलसी के पत्तों में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो आपको इंफेक्शन से छुटकारा दिलाते हैं। ये आपकी खुजली और जलन को शांत करता है। इसके लिए आप तुलसी का रस निकालकर प्रभावित जगह पर भी लगा सकते हैं या तुलसी की चाय पी सकते हैं।
4) हल्दी - हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इसका सेवन करने के लिए हल्दी में दूध या गुलाब जल मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगा लें। एक्जिमा में हल्दी बहुत असरदार साबित होती है।
5) एलोवेरा - एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये एक्जिमा के इलाज में आपकी बहुत मदद करता है। आप ताजे एलोवेरा के पत्तों का पेस्ट निकालकर प्रभावित स्थान पर लगा लें। इससे आपको बहुत आराम मिलेगा।
तो जैसा कि आपने जाना कि एक्जिमा की आयुर्वेदिक दवा क्या है। लेकिन फिर भी इसे अपनाने से पहले आप एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें, क्योंकि डॉक्टर आपकी रिपोर्ट्स देखकर बेहतर तरीके से बता पाएंगे कि आपके लिए ये उपाय ठीक है या नहीं।
अगर आपको भी एक्जिमा ये उससे जुड़ी किसा तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी और अन्य कई बीमारी के रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे रोगियों का आयुर्वेदिक इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का इलाज कर रहा है।
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