आयुर्वेद में लीवर सिरोसिस का इलाज

खराब लाइफस्टाइल और खान-पान के चलते लोग कई तरह की गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। इन्हीं में से एक समस्या लीवर सिरोसिस की भी है, जो लीवर से जुड़ी एक बीमारी है। इसमें लीवर डैमेज होने लगता है और शरीर की इम्यूनिटी भी कमजोर होने लगती है। ऐसे में आयुर्वद में लीवर सिरोसिस का इलाज बताया गया है, जिससे आप इस समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं।

लीवर सिरोसिस के कारण

1) हेपेटाइटिस बी

2) हेपेटाइटिस सी 

3) जंक फूड 

4) शराब ज्यादा पीना

लीवर सिरोसिस के लक्षण

1) वजन तेजी से कम होना 

2) उल्टी होना 

3) चक्कर आना 

4) नींद न आना 

5) भूख न लगना 

6) कमजोरी महसूस होना

आयुर्वेद में लीवर सिरोसिस का इलाज

1) सेब का सिरका - सेब के सिरके का उपयोग आयुर्वेद में कई तरह के रोगों को दूर करने के लिए होता है। एप्पल साइडर विनेगर का इस्तेमाल करके लीवर के फैट को कम करने में मदद मिलती है, जिससे इम्यूनिटी बढ़ने के साथ-साथ लीवर सिरोसिस में भी आराम मिलता है।

2) आंवला - आंवले को कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन-सी, विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स और आयरन का अच्छा सोर्स माना जाता है। आंवले का जूस या पाउडर का सेवन करने से इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ लीवर से जुड़ी समस्याओं में भी आराम मिल सकता है।

3) अर्जुन की छाल - अर्जुन के पेड़ में औषधीय गुण मौजूद होते हैं। इसकी छाल का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवा के रूप में करके लीवर सिरोसिस की समस्या में आराम मिल सकता है। आप इसकी छाल को पानी में उबालकर पी सकते हैं। इससे आपको काफी आराम मिलेगा।

4) मुलेठी - मुलेठी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और ग्लिसराइजिक एसिड होते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करने का काम करता है। मुलेठी खाने से लीवर के साथ-साथ पेट से जुड़ी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ सकता है। इसके साथ ही मुलेठी को सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है।

तो जैसा कि आपने जाना कि आयुर्वेद में लीवर सिरोसिस का इलाज किस तरह से किया जा सकता है। लेकिन फिर भी इन उपायों को अपनाने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह कर लें।

अगर आपको भी लीवर सिरोसिस या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी और अन्य कई बीमारी के रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी रोगियों का आयुर्वेदक इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का इलाज कर रहा है।

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