आयुर्वेद में पेशाब में प्रोटीन आने का इलाज

पेशाब में प्रोटीन आना आम समस्या है। ऐसा तब होता जब किडनी यूरिन के रास्ते बाहर नहीं निकल पाती है। इसे खाने से यूरिन में प्रोटीन की समस्या आने लगती है। यूरिन में कम प्रोटीन आना आम बात होती है, लेकिन वहीं यूरिन में ज्यादा प्रोटीन आने से किडनी में खराबी आने की ओर इशारा करने लगता है। ऐसे में आयुर्वेद में पेशाब में प्रोटीन आने का इलाज बताया गया है, जिसे अपनाकर आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।

पेशाब में प्रोटीन आने के लक्षण

1) भूख कम लगना 

2) मांसपेशियों में ऐंठन

3) बार-बार यूरिन आना 

4) सांस फूलना 

5) पैर में सूजन आना 

6) पेशाब में झाग आना 

पेशाब में प्रोटीन आने के कारण

1) बुखार आना 

2) डायबिटीज 

3) शरीर में पानी की कमी होना 

4) किडनी में इंफेक्शन 

5) हाई ब्लड प्रेशर 

6) शरीर में पानी की कमी होना 

7) दिल की बीमारी

आयुर्वेद में पेशाब में प्रोटीन आने का इलाज

1) दाल - पेशाब में प्रोटीन को रोकने के लिए आप दालों में हरड़, हरा चना, कुल्थी की दाल को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इन दालों से पेशाब में प्रोटीन की समस्या में राहत मिल सकती है।

2) सब्जियां - वहीं आप यूरिन में प्रोटीन आने की समस्या को रोकने के लिए करेला, परवल, कुंदरू, लौकी, मेथी जैसी सब्जियों को आहार का हिस्सा बना सकते हैं। 

3) आयुर्वेदिक औषधियां - आप यूरिन में प्रोटीन आने की समस्या को रोकने के लिए आयुर्वेदिक पौधे जैसे कि गोक्षुरा, त्रिफला, मुस्ता, मेथी, धनिया, इलायची, मोथा घास जैसी चीजों में शहद मिलाकर खा सकते हैं।

4) फल - आप पेशाब में प्रोटीन आने की समस्या में पपीता, संतरा, तरबूज, सेब, आंवला और अन्य फलों को शामिल करें। इनसे आपको इस समस्या में बहुत आराम मिल सकता है। 

तो जैसा कि आपने जाना कि आयुर्वेद में पेशाब में प्रोटीन आने का इलाज किस तरह से किया जा सकता है। ऐसे में इन उपायों को अपनाने से पहले आप एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें।

अगर आपको भी पेशाब में प्रोटीन आने या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी और अन्य कई बीमारी के रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी रोगियों का आयुर्वेदक इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का आयुर्वेदक इलाज कर रहा है।

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