पित्त की थैली, गॉलब्लैडर, पित्ताशय शरीर का छोटा-सा हिस्सा होता है। ये लिवर के पीछे होता है। अगर पित्त पथरी हो जाए, तो गंभीर समस्या हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि इसे वक्त रहते कंट्रोल कर लिया जाए, वरना आगे चलकर आपको समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन बता दें कि आयुर्वेद में पित्त पथरी का इलाज बताया गया है, जिसे करके इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
1) पित्त से लवण न निकलना
2) शारीरिक रूप से एक्टिव न होना
3) गर्भनिरोधक गोलियां खाना
1) पेट में भारी महसूस होना
2) उल्टी होना
3) पेट के दाहिने हिस्से में तेज दर्द होना
4) सीने में जलन
5) खट्टी डकारें आना
पित्त की पथरी के लक्षण और कारण जानने के बाद आइए अब उसके इलाज के बारे में जानते हैं।
1) एलोवेरा - एलोवेरा में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो हमें हेल्दी रखने में मदद करते हैं। पित्त पथरी होने पर इसका सेवन करना फायदेमंद माना जाता है।
2) गिलोय - आयुर्वेद में गिलोय का इस्तेमाल कई तरह की दवाइयां बनाने में किया जाता है। पित्त की पथरी को गिलोय का सेवन करके ठीक किया जा सकता है। इसके लिए आप गिलोय को काढ़े के रूप में भी पी सकते हैं।
3) नारियल पानी - नारियल पानी में पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसका सेवन करने से पित्त पथरी को खत्म किया जा सकता है। नारियल पानी न सिर्फ पेट को साफ रखना है, बल्कि शरीर से टॉक्सिन्स को भी बाहर निकालता है।
4) नींबू का रस - नींबू का रस भी पित्त पथरी को ठीक करने के लिए जाना जाता है। नींबू में फाइबर, मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम होता है। इसके लिए आप एक गिलास पानी में नींबू निचोड़कर पानी को पी लें। इसका सेवन करने से आपको बहुत लाभ होगा।
5) हल्दी - हल्दी का सेवन करके भी पित्त पथरी को दूर किया जा सकता है। इसमें मौजूद औषधीय गुण आपको इस समस्या से जल्दी निजात दिला सकते हैं। आप इसका सेवन दूध या पानी में मिलाकर कर सकते हैं।
6) भुट्टे के रेशे - भुट्टे के रेशे पित्त पथरी को दूर करने में मदद कर सकते हैं। इसमें पथरी को तोड़ने के गुण होते हैं, जिससे इस समस्या में राहत मिल सकती है। इसके लिए आप भुट्टे के रेशों को पानी में उबालकर पी लें।
तो जैसा कि आपने जाना कि आयुर्वेद में पित्त पथरी का इलाज करके इस समस्या में राहत पाई जा सकती है, लेकिन फिर भी इस इलाज को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें।
अगर आपको भी पित्त पथरी या उससे जुडी किसी और तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी और अन्य कई बीमारी के रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी की बीमारी से जूझ रहे किडनी रोगियों का आयुर्वेदक इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का आयुर्वेदक इलाज कर रहा है।
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