आयुर्वेद में कैंसर का इलाज

कैंसर या कर्क रोग एक बहुत ही गंभीर बीमारी है। इसका इलाज न सिर्फ एलोपैथिक दवाइयों से, बल्कि आयुर्वेदिक दवाइयों से भी किया जा सकता है, क्योंकि आयुर्वेदिक में कैंसर का इलाज संभव है। आइए जानते हैं कि वे उपाय कौन-से हैं -

कैंसर के लक्षण

1) वजन कम होना 

2) लगातार सूजन आना 

3) घाव या अल्सर 

4) स्तन में दर्द होना 

5) योनि स्राव या रक्तस्राव

6) दस्त या कब्ज होना 

7) पेट या मलाशय में दर्द होना 

8) तिल या त्वचा पर धब्बे

कैंसर के कारण -  

1) शराब पीना 

2) व्यायाम या योग न करना 

3) खराब आहार करना 

4) ज्यादा वजन बढ़ना 

आयुर्वेद में कैंसर का इलाज - 

1) हल्दी - हल्दी में कैंसर जैसी बीमारी को रोकने के गुण होते हैं। इसका इस्तेमाल कैंसर के इलाज में किया जाता है। आयुर्वेद में हल्दी का बहुत उपयोग होता है। इसका सेवन करने से कैंसर सेल्स के विकास को धीमा करने में मदद मिलती है। हल्दी को कैंसर रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। 

2) गिलोय - गिलोय में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। इसमें एंटी-कैंसर गुण मौजूद होते हैं, जो कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोक सकते हैं। गिलोय को एक बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार माना जाता है। 

3) कालमेघ - कालमेघ में कैंसरोलिटिक प्रभाव होते हैं। ये कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकते हैं और नष्ट भी कर सकते हैं। कालमेघ के अर्क में इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के गुण मौजूद होते हैं।

4) आंवला - आंवले में कैंसर के विकास को रोकने के गुण मौजूद होते हैं। इसके अर्क का सेवन करने से ट्यूमर के रिस्क को कम किया जा सकता है। आंवले में एंटी-कैंसर प्रभाव होता है, जिसका सेवन करने से कैंसर के सेल्स को बढ़ने से रोका जा सकता है। 

तो जैसा कि आपने जाना कि आयुर्वेद में कैंसर का इलाज किस तरह से किया जा सकता है। ऐसे में आप भी इन उपचारों को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें। 

अगर आपको भी कैंसर या उससे जुड़ी किसी तरह की समस्या हो रही है, तो आप अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में आकर करवा सकते हैं। यहां पर सन् 1937 से किडनी और अन्य कई बीमारी के रोगियों का इलाज किया जा रहा है और हाल ही में इसे डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में किडनी रोगियों का आयुर्वेदिक इलाज कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही भारतीय आयुर्वेद के सहारे किडनी फेलियर का आयुर्वेदिक इलाज कर रहा है।

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