क्रिएटिनिन ब्लड में बनने वाला अपशिष्ट पदार्थ है। इसके शरीर में बनने से किडनी भी सामान्य रूप से काम नहीं कर पाती है। क्रिएटिनिन बढ़ने पर लोग तरह-तरह की दवाएं खाना शुरू कर देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे कुछ आयुर्वेदिक उपायों से भी ठीक किया जा सकता है। जी हां, आज हम आपको क्रिएटिनिन कम करने के आयुर्वेदिक उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आप घर बैठे ही आसानी से कर सकते हैं।
1) डिहाइड्रेशन
2) दवाओं का सेवन
3) किडनी से जुड़ी पुरानी बीमारी
4) ज्यादा एक्सरसाइज करना
5) सोडियम का ज्यादा मात्रा में सेवन
6) किडनी का सही ढंग से काम न करना
1) कमजोरी
2) छाती में दर्द
3) डिहाइड्रेशन
4) उल्टी या मतली
5) सांस लेने में परेशानी
6) ब्लड प्रेशर बढ़ना
1) यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन
2) हाई ब्लड प्रेशर
3) गाउट
4) डायबिटीज
5) ब्लड इंफेक्शन
6) मांसपेशियों में ऐंठन
7) पेशाब से जुड़ी दिक्कतें
1) सैल्विया - ये एक जड़ी-बूटी है, जो क्रिएटिनिन कम करने की आयुर्वेदिक दवा जानी जाती है। इससे शरीर में ग्लोगेरुलर फिल्ट्रेशन रेट बढ़ता है, जो क्रिएटिनिन को फिल्टर करने में मदद करता है। इसमें मौजूद औषधीय तत्व शरीर से क्रिएटिनिन को बाहर निकालने में फायदेमंद होता है।
2) हर्बल टी - हर्बल टी भी क्रिएटिनिन लेवल को कम करने के लिए जानी जाती है। इसका सेवन करने से ब्लड में मौजूद क्रिएटिनिन को आसानी से फिल्टर करने में मदद मिलती है। आप हर्बल टी में तुलसी के पत्ते, पुदीना, शहद या अदरक मिलाकर बना सकते हैं।
3) पानी पिएं - डिहाइड्रेशन की वजह से भी शरीर में क्रिएटिनिन बढ़ने लगता है। शरीर में पानी की कमी होने पर यूरिन सही से पास नहीं होगा और यूरिन के जरिए ही टॉक्सिक पदार्थ बाहर निकलते हैं। ऐसे में हाइड्रेट रहना बहुत जरूरी है।
4) नेट्ल लीफ - नेट्ल लीफ रीनल एक्सक्रीशन को बढ़ाने का काम करती है। इससे शरीर में मौजू क्रिएटिनिन को बाहर निकालने में मदद मिलती है। नेट्ल लीफ यूरिनरी एक्सक्रीशन को बढ़ाकर एक्स्ट्रा क्रिएटिनिन को बाहर निकालने में मदद करती है।
5) सिंहपर्णी जड़ - सिंहपर्णी की जड़ क्रिएटिनिन को कम करने में बहुत फायदेमंद होती है। इसके इस्तेमाल से क्रिएटिनिन के बढ़े हुए लेवल से छुटकारा मिलता है। ये जड़ नैचुरल ड्यूरेटिक के रूप में काम करती है।
तो जैसा कि आपने जाना कि क्रिएटिनिन कम करने की आयुर्वेदिक औषधि क्या है? ऐसे में अगर आपका क्रिएटिनिन लेवल भी बढ़ा हुआ है और आप इसे कम करने की सोच रहे हैं, तो इन उपायों को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें।
आप किडनी में आ रही किसी भी समस्या का इलाज कर्मा आयुर्वेदा में भी करवा सकते हैं, जहां साल 1937 से किडनी रोगियों का इलाज किया जा रहा है जिसे वर्तमान में डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है
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