कपड़ो के सिकुड़ने से इतनी परेशानी नहीं होती, जितनी की किडनी के सिकुड़ने से होती है। अगर किडनी एक बार सिकुड़ना शुरू कर देती है, तो उसका काम करना बहुत मुश्किल हो जाता है।
किडनी में सिकुड़न तब शुरू होती है, जब ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। जब खून तेजी से रीनल आर्टरी में प्रवेश करता है, तो किडनी में खून की सप्लाई कम हो जाती है, जिसकी वजह से किडनी में सिकुड़न आनी शुरू हो जाती है।
किडनी के सिकुड़ने पर उसका आकार छोटा हो जाता है, जिससे किडनी स्टोन और डायबिटिक किडनी जैसी समस्याएं होनी शुरू हो जाती हैं।
किडनी के सिकुड़ने पर शरीर से दूषित पदार्थ और अतिरिक्त पानी बाहर नहीं निकल पाते, जिससे क्रिएटिनिन और यूरिया का स्तर बढ़ जाता है और किडनी सही से काम नहीं कर पाती है।
ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप किड़नी के सिकुड़ने का इलाज कर सकते हैं।
1) योग - किडनी को सिकुड़ने से बचाने के लिए आप योग को अपने रूटीन का हिस्सा बना सकते हैं। इससे किडनी के साथ-साथ बॉडी के सेंट्रल ऑर्गन भी मजबूत हो जाते हैं।
2) ड्राई फ्रूट्स - किडनी सिकुड़ने की समस्या से जूझ रहे व्यक्ति के लिए काजू, बादाम और अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट्स फायदेमंद हो सकते हैं। किडनी सिकुड़न से जूझ रहे लोगों को ड्राई फ्रूट्स को भूनकर अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
3) ग्रीन टी - ग्रीन टी या हर्बल टी में एंटी-ऑक्सिडेंट्स की मात्रा बहुत अच्छी होती है। किडनी सिकुड़ने पर इस तरह की चाय पीने से बहुत राहत मिल सकती है।
4) तुलसी - तुलसी के रस में एसिटिक एसिड होता है, जो किडनी में स्टोन को तोड़ने और किडनी में हो रहे दर्द को कम करने का काम करता है। इसमें भरपूर न्यूट्रिएंट्स और मिनरल्स होते हैं। वहीं तुलसी के रस में मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट कंपाउंड्स किडनी को सिकुड़ने से बचा सकते हैं।
5) अनाज - जिन लोगों की किडनी में सिकुड़न हो, वे अपनी डाइट में चावल और गेहूं को शामिल कर सकते हैं। बस, आप इस बात का ध्यान रखें कि अगर आपको डायबिटीज नहीं है, तो ही आप चावल खाएं और वो भी सीमित मात्रा में। वहीं आप गेहूं के आटे को भी अपनी डाइट का हिस्सा बन सकते हैं।
1) नमक का सेवन करें कम - किडनी को सिकुड़ने से बचाने के लिए नमक, सोडा और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन कम से कम करना चाहिए, क्योंकि शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ने से किडनी सिकुड़ना शुरू हो जाती है।
2) कॉफी और चाय न पिएं - किडनी के सिकुड़ने पर कॉफी और चाय का सेवन कम से कम करना चाहिए। कॉफी और चाय पीने से मेटाबॉलिज्म रेट कम होने लगता है, जिससे किडनी में आ रही सिकुड़न को कम किया जा सकता है।
3) प्रोटीन की मात्रा - किडनी के सिकुड़ने पर प्रोटीन की मात्रा कम लेनी चाहिए। प्रोटीन को ज्यादा मात्रा में लेने से किडनी के काम पर प्रेशर पड़ने लगता है। ऐसे में आपको डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे कि चीज़, दूध, अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए।
अब जैसा कि आपने जाना कि किडनी सिकुड़ने पर किस तरह से उसे किन तरीकों से ठीक किया जा सकता है, लेकिन फिर भी अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलह जरूर करें। आप किडनी में आ रही किसी भी समस्या का इलाज कर्मा आयुर्वेदा में भी करवा सकते हैं, जहां साल 1937 से किडनी रोगियों का इलाज किया जा रहा है जिसे वर्तमान में डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।
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