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एक्जिमा को एटोपिक डर्माटाइटिस भी कहा जाता है. यह एक आम त्वचा रोग है जो खुजली, सूखी, लाल और फटी हुई त्वचा का कारण बनता है. इस रोग की सबसे मुख्य बात ये है कि इसका कोई तय ईलाज नहीं है. इसलिए ये जानना बहुत ज़रूरी है कि एक्जिमा रोग होने पर क्या नहीं खाना चाहिए. लेकिन इससे पहले इस रोग के बारे में कुछ आम जानकारियाँ लेना सही रहेगा।
एटोपिक डर्माटाइटिस: यह अक्सर बचपन में शुरू होता है।
कॉन्टैक्ट एक्जिमा: यह किसी चीज़ के संपर्क में आने से होता है जैसे रसायन, साबुन या पौधे।
स्टैसिस डर्माटाइटिस: यह पैरों या निचले पैरों में खून के बहाव के रुकने से होता है।
न्यूरोडर्मेटाइटिस: यह त्वचा पर खुजली के कारण होता है।
जन्मजात - अगर परिवार में किसी को ये रोग पहले से है तो आपको भी एक्जिमा रोग होने की सम्भावना बढ़ सकती है।
त्वचा की परत का कमज़ोर होना - कुछ लोगों की त्वचा में फिलाग्रिन नामक प्रोटीन की कमी होती है, जो त्वचा को नमीयुक्त और स्वस्थ रखने में मदद करता है।
एलर्जी - कुछ लोगों को धुल-मिट्टी, पालतू जानवरों की रूसी यानि मृत त्वचा के टुकड़े और खाने-पीने से एलर्जी होती है जिससे एक्जिमा रोग हो सकता है।
वातावरण - सुखी हवा, ज़्यादा तापमान या कुछ केमिकल्स के कोंटेक्ट में आने से भी ये रोग हो सकता है।
इन्फेक्शन - अगर किसी को एक्जिमा रोग है तो ऐसे इंसान के कोंटेक्ट में आने से इन्फेक्शन हो सकता है।
तनाव - ज़्यादा तनाव लेने से एक्जिमा रोग का ख़तरा बढ़ जाता है।
अन्य - हार्मोन में बदलाव और विटामिन बी-6 की कमी से भी एक्जिमा रोग होता है।
सही समय पर खान-पान का ध्यान नहीं रखने पर यह रोग धीरे-धीरे फ़ैल जाता है इसलिए इस बात का ध्यान रखना ज़रूरी है की एक्जिमा रोग होने पर किन चीज़ों का परहेज़ रखना चाहिए
एक्जिमा रोगी को ये चीज़ें नहीं खानी चाहिए;
हाँ, जिन बच्चों को एक्जिमा होता है, उनमें नट्स से एलर्जी होने की संभावना ज़्यादा होती है।
हाँ, कुछ लोगों में चीनी (शुगर) ज़्यादा खाने से एक्जिमा का रोग बढ़ सकता है क्योंकि चीनी शरीर में सूजन को बढ़ा सकती है, जो एक्जिमा के लक्षणों को और भी खराब कर सकती है।
चॉकलेट में मौजूद कुछ तत्व, जैसे कि निकेल, कुछ लोगों में एक्जिमा को और भी बढ़ा सकते हैं. कैफीन में मूत्रवर्धक प्रभाव होता है, जो डिहाइड्रेशन का जोखिम बढ़ा सकता है, जो एक्जिमा के लिए एक सामान्य ट्रिगर है. लेकिन कुछ लोगों पर चॉकलेट और कैफीन का कोई ख़ास असर नहीं होता।
एक्जिमा में कुछ फल, जैसे खट्टे फल (संतरा, नींबू, अंगूर) और कुछ अन्य फल, जैसे कि टमाटर, बैंगन और मिर्च से बचना चाहिए क्योंकि वे एक्जिमा के लक्षणों को और भी खराब कर सकते हैं।
दोनों संभव हैं. कुछ लोगों को दही या छाछ लेने से एक्जिमा की समस्या बढ़ सकती है, क्योंकि इसमें मौजूद एसिड त्वचा पर खुजली, जलन या अन्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं लेकिन दही में प्रोबायोटिक बैक्टीरिया होते हैं, जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं जो शायद एक्जिमा रोगी के लिए ठीक हो. इसी तरह छाछ भी फायदा कर सकती है क्योंकि यह त्वचा को ठंडक देती है और डिहाइड्रेशन से बचाती है।
हाँ, क्योंकि इसमें मौजूद कैप्साइसिन नामक यौगिक त्वचा में खुजली और सूजन पैदा कर सकता है।
पूरी तरह छोड़ना ज़रूरी नहीं लेकिन कुछ लोगों को इनसे एलर्जी हो सकती है, जिससे एक्जिमा के लक्षण और भी बढ़ सकते हैं।
आज के इस ब्लॉग में हमने आपको बताया कि एक्जिमा रोग होने पर क्या नहीं खाना चाहिए. लेकिन आप सिर्फ इन सुझावों पर निर्भर ना रहें. अगर आपको एक्जिमा रोग है या ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करें या कर्मा आयुर्वेद अस्पताल में भारत के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपना इलाज करवा सकते हैं. हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स और आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें कर्मा आयुर्वेद के साथ।
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